जब दूसरे बच्चे की बात करते हैं तो यह एक्साइटमेंट भी कम होती है और पैरंट्स को इस चीज का अनुभव भी होता है। अब बात यह है कि पैरंट्स को दूसरा बच्चा करना चाहिए या नहीं पहली बात तो यह उनकी पर्सनल चॉइस है। उनको इस बात के लिए खुद ही निर्णय लेना पड़ेगा ।
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