सेल्फ-लव और सेल्फिश होने में कुछ ज़्यादा फर्क नहीं होता। सेल्फिशनेस में इंसान दूसरों को यूज़ करने, उनसे अपना मतलब निकलवाने या कुछ न कुछ लेने के बारे में सोचता है जबकि सेल्फ-लव सेल्फिश होने से बहुत ऊपर होता है।
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