हम बचपन से ही औरतों को कहने लग जाते हैं कि तुम्हें ऐसे ही कपड़े पहने हैं। अपनी मर्जी के कपड़े पहनने के लिए बहुत सारी औरतों को खुद के लिए लड़ाइयां लड़नी पड़ती हैं। हमारे समाज में बहुत सारी लड़कियां आज भी अपने मनपसंद कपड़े नहीं पहन सकती।
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