टॉक्सिक फेमिनिज्म तब माना जाता है जब कोई फीमेल समाज द्वारा बनाए गए स्टीरियोटाइप में खुद को ढालने का काम करें। अपनी प्रधानता दिखाना और दूसरों को मैनिपुलेट करना भी इसी के अंतर्गत आता है। साथ ही साथ इससे महिलाओं में पुरुष द्वेष भी उत्पन्न होता है।
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