एक महिला जिम्मेदारी के चलते अपने भावनात्मक पक्ष को दबाती चली जाती हैं। अनकहा दर्द और उदासी उसे घेरे होती हैं।महिला भावनात्मक बोझ को महसूस तो करती हैं पर उसके लिए सहीं निर्णय और उपाय नहीं दें पाती। आइए समझते है, भावनात्मक बोझ को समझना कितना हैं आवश्यक:
इस लेख को साझा करें
यदि आपको यह लेख पसंद आया है, तो इसे अपने दोस्तों के साथ साझा करें।वे आपको बाद में धन्यवाद देंगे