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ज़िंदगी में हमसफर की जरुरत हर किसी को होती है लेकिन क्या करें जब इस सफर को आसान बनाने के लिए कोई साथी ना हो। हम सभी को पता है कि जिंदगी में अगर खुशी है तो गम भी है लेकिन ये सारी फीलिंग्स तब नार्मल लगती हैं, जब हमारे पास किसी का सपोर्ट होता है। वहीं अगर हम अकेले होते हैं तो सारी चीजें हम पर हावी होने लगती है और अकेलापन एक नॉर्मल फीलिंग है जिसे किसी भी उम्र की महिला या पुरुष महसूस कर सकते हैं। आइए पता करते हैं की इस अकेलेपन से कैसे डील करें और कैसे इसे खुद पर हावी ना होने दें। अकेलापन कैसे दूर करें
हम सभी कभी न कभी अपनी लाइफ में खाली या अकेलापन जरूर महसूस करते हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि आपके साथ कुछ गलत हो रहा है। लोग अक्सर अकेलेपन की तरफ उस समय ध्यान देते हैं जब उनकी लाइफ में बदलाव आने लगते हैं। अगर आप खुद के लिए नए रास्ते और नई मंज़िल खोजते है जो शायद आपको थोड़ा सा अकेलापन झेलना पड़े, ऐसे में आपको उन लोगों से मेल जोल बढाना चाहिए जो आपकी नई रूचि और विचारों से सहमत हों और आपको सपोर्ट करते हों।
अकेलेपन (loneliness) और एकांत(Alone) में बीच एक फर्क है, अकेलापन वह होता है जब आपको अकेले रहना पसंद नहीं होता और आप नाखुश होते हैं। एकांत में आपको अकेलेपन में अच्छा लगता है। अकेलेपन में उन लोगों को खोजिये जो आपका साथ दे सकें और आपको सपोर्ट कर सकें।
पार्टनर से ब्रेकअप के बाद आपने खुद को एक कमरे में बंद कर लिया हो या खुद को इतना सीमित कर लिया है कि अब आप बहुत अकेले हो गए हैं। आप पर निगेटिविटी इतना हावी है कि अब आपको अब रिश्तों पर भरोसा नहीं रहा है। अगर ये सब आपके साथ भी हो रहा है तो सबसे पहले पॉजिटिव होने की कोशिश करें और इन तरीकों को अपनी लाइफ में लाने का प्रयास करें।
सबसे पहली बात ये है कि आप खुद से अपनी फीलिंग के बारे में ईमानदार रहें। दिल से सोचें कि खुद के बारे में आपकी क्या राय है और आप क्यों ऐसा महसूस कर रहे हैं या क्या प्रॉब्लम आपको खाए जा रही है।
हो सकता है कि ये चीजें बेहद निगेटिव हों पर फिर भी अपनी सच्चाई को स्वीकार करें और खुद को यह महसूस करवाएं कि आप अकेले नहीं हैं, आपके चाहने वाले आपके साथ है। कई बार situation उतनी बुरी नहीं होती जितना हम उन्हें सोच सोच कर बना लेते हैं, इसलिए Overthink करना कम करना चाहिये।
अकेले रहने से हमारा दुखी होना स्वाभाविक है, इससे हमारी स्ट्रेंथ भी कम होती जाती है और निगेटिविटी हावी होने लगती है। इसलिए अच्छा होगा कि अपने किसी फ्रेंड को फोन करें और उसके साथ कहीं घूमने का प्लान बनाएं।
इसके अलावा आप मूवी देखने जा सकते हैं, किसी सोशल वर्क में लग सकते हैं, कोई नई किताब पढ़ सक्ते हैं, योगा कर सकते हैं या फिर किसी शांत सी कॉफी शॉप में किताबें पढ़ सकते हैं। लेकिन ऐसा सिर्फ कुछ दिनों के लिए ना करें बल्कि इन चीज़ों को अपने रूटीन में शामिल करें, वरना फिर आप पर फिर अकेलापन हावी होने लगेगा।
खुद का ख्याल रखना बहुत जरूरी है क्योंकि जब आप खुद अपना ख्याल नहीं रख सकते, तो दूसरों से कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि वो आपकी केयर करेंगे या आपसे प्यार करेंगें। मुश्किल समय में अपने सेल्फ-रिस्पेक्ट के लिए खुद का ख्याल रखना और खुद का सम्मान करना बहुत जरूरी है। इसलिए दूसरों की जगह पहले खुद को प्यार करना सीखें। खुद को अच्छे से ट्रीट करें, ऐसे काम करें जिससे आपको खुशी मिलती है।
जरूरी नहीं हैं कि इसके लिए आपको महंगी चीज़ें करने होंगे। अगर आपको कुकिंग पसंद है तो अपने लिए फेवरेट डिश बना सकते हैं, आपको घूमना पसंद है तो कहीं vacation पर जाने का प्लान बनाईए। और ये जरूर ध्यान रखिए खुद के बारे में सोचना या खुद का ध्यान रखना स्वार्थी होना बिल्कुल नहीं होता है।
अकेलेपन को दूर करने के लिए लोगों से मिलना जुलना बहुत जरूरी है, क्योंकि आप अकेले इस समस्या का समाधान नहीं कर सकते। आप कुछ NGO के लोगों से मिल सकते हैं और यह पहचानने की कोशिश करें कि क्या इनके विचार आपसे मिलते हैं, या क्या ये आपके समान रूचि, महत्व और पैशन रखते हैं?
अगर हां तो ऐसे लोगों के टच में रहें। इनसे जुड़ने के बाद आपको सपोर्ट मिलेगा और अकेलापन नहीं लगेगा। वो जब आपसे बात करेंगे या चीजों को शेयर करेंगे तो आपको लगेगा कि हां ये मेरे जैसा सोचते हैंऔर कोई मेरे साथ है। जिससे आप खुद को उनसे जुड़ा हुआ और सुरक्षित महसूस कर सकते हैं।
साथ ही लोगों की मदद करके आप कुछ अच्छा भी कर रहे होंगे। इसी बहाने आप घर से बाहर भी निकलने लगेंगे और लोगों से जुड़े रहेंगे।
आप चाहें तो अपने नजदीक के पशु आश्रय से कोई कुत्ता या बिल्ली गोद ले सकते हैं, क्योंकि पशुओं के प्रति आपका और उनका आपके प्रति प्यार अकेलेपन को दूर करने में काफी मदद करता है। साथ ही यह एक नया अनुभव भी है और आपको दूसरों पर फिर भरोसा करना भी सिखाता है।
विश्वास किजीये, एक pet डॉग या कैट रखना आपके मेन्टल हेल्थ के लिये भी काफी मददगार साबित होगा और आप खुश भी रहेंगे।
और पढ़ें: क्या आपका रिलेशनशिप ख़त्म होने की कगार पर है ? जानिए 6 Signs
सबसे पहले अपने अकेलेपन को समझें।
हम सभी कभी न कभी अपनी लाइफ में खाली या अकेलापन जरूर महसूस करते हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि आपके साथ कुछ गलत हो रहा है। लोग अक्सर अकेलेपन की तरफ उस समय ध्यान देते हैं जब उनकी लाइफ में बदलाव आने लगते हैं। अगर आप खुद के लिए नए रास्ते और नई मंज़िल खोजते है जो शायद आपको थोड़ा सा अकेलापन झेलना पड़े, ऐसे में आपको उन लोगों से मेल जोल बढाना चाहिए जो आपकी नई रूचि और विचारों से सहमत हों और आपको सपोर्ट करते हों।
अकेलेपन (loneliness) और एकांत(Alone) में बीच एक फर्क है, अकेलापन वह होता है जब आपको अकेले रहना पसंद नहीं होता और आप नाखुश होते हैं। एकांत में आपको अकेलेपन में अच्छा लगता है। अकेलेपन में उन लोगों को खोजिये जो आपका साथ दे सकें और आपको सपोर्ट कर सकें।
कैसा महसूस होता है जब हम अकेले होते हैं?
- हम अपने दुख-सुख किसी के साथ शेयर नहीं कर पाते
- अकेल में कुछ भी अच्छा नहीं लगता
- समझ नहीं आता कि क्या करें या क्या ना करें
- रियल लाइफ से अलग हो जाते हैं
- काफी मूड स्विंग होता रहता है
- बार बार निगेटिव विचार आते हैं
अगर आपके अकेलेपन की वजह ब्रेकअप है तो क्या करें?
पार्टनर से ब्रेकअप के बाद आपने खुद को एक कमरे में बंद कर लिया हो या खुद को इतना सीमित कर लिया है कि अब आप बहुत अकेले हो गए हैं। आप पर निगेटिविटी इतना हावी है कि अब आपको अब रिश्तों पर भरोसा नहीं रहा है। अगर ये सब आपके साथ भी हो रहा है तो सबसे पहले पॉजिटिव होने की कोशिश करें और इन तरीकों को अपनी लाइफ में लाने का प्रयास करें।
1. खुद के बारे में पहले सोचें
सबसे पहली बात ये है कि आप खुद से अपनी फीलिंग के बारे में ईमानदार रहें। दिल से सोचें कि खुद के बारे में आपकी क्या राय है और आप क्यों ऐसा महसूस कर रहे हैं या क्या प्रॉब्लम आपको खाए जा रही है।
हो सकता है कि ये चीजें बेहद निगेटिव हों पर फिर भी अपनी सच्चाई को स्वीकार करें और खुद को यह महसूस करवाएं कि आप अकेले नहीं हैं, आपके चाहने वाले आपके साथ है। कई बार situation उतनी बुरी नहीं होती जितना हम उन्हें सोच सोच कर बना लेते हैं, इसलिए Overthink करना कम करना चाहिये।
2. कहीं नई जगह घूमने का प्लान बनाएं
अकेले रहने से हमारा दुखी होना स्वाभाविक है, इससे हमारी स्ट्रेंथ भी कम होती जाती है और निगेटिविटी हावी होने लगती है। इसलिए अच्छा होगा कि अपने किसी फ्रेंड को फोन करें और उसके साथ कहीं घूमने का प्लान बनाएं।
इसके अलावा आप मूवी देखने जा सकते हैं, किसी सोशल वर्क में लग सकते हैं, कोई नई किताब पढ़ सक्ते हैं, योगा कर सकते हैं या फिर किसी शांत सी कॉफी शॉप में किताबें पढ़ सकते हैं। लेकिन ऐसा सिर्फ कुछ दिनों के लिए ना करें बल्कि इन चीज़ों को अपने रूटीन में शामिल करें, वरना फिर आप पर फिर अकेलापन हावी होने लगेगा।
3. सेल्फ-केयर बहुत जरूरी है।
खुद का ख्याल रखना बहुत जरूरी है क्योंकि जब आप खुद अपना ख्याल नहीं रख सकते, तो दूसरों से कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि वो आपकी केयर करेंगे या आपसे प्यार करेंगें। मुश्किल समय में अपने सेल्फ-रिस्पेक्ट के लिए खुद का ख्याल रखना और खुद का सम्मान करना बहुत जरूरी है। इसलिए दूसरों की जगह पहले खुद को प्यार करना सीखें। खुद को अच्छे से ट्रीट करें, ऐसे काम करें जिससे आपको खुशी मिलती है।
जरूरी नहीं हैं कि इसके लिए आपको महंगी चीज़ें करने होंगे। अगर आपको कुकिंग पसंद है तो अपने लिए फेवरेट डिश बना सकते हैं, आपको घूमना पसंद है तो कहीं vacation पर जाने का प्लान बनाईए। और ये जरूर ध्यान रखिए खुद के बारे में सोचना या खुद का ध्यान रखना स्वार्थी होना बिल्कुल नहीं होता है।
4. कुछ वक़्त सेम thinking वाले लोगों के साथ बिताएं।
अकेलेपन को दूर करने के लिए लोगों से मिलना जुलना बहुत जरूरी है, क्योंकि आप अकेले इस समस्या का समाधान नहीं कर सकते। आप कुछ NGO के लोगों से मिल सकते हैं और यह पहचानने की कोशिश करें कि क्या इनके विचार आपसे मिलते हैं, या क्या ये आपके समान रूचि, महत्व और पैशन रखते हैं?
अगर हां तो ऐसे लोगों के टच में रहें। इनसे जुड़ने के बाद आपको सपोर्ट मिलेगा और अकेलापन नहीं लगेगा। वो जब आपसे बात करेंगे या चीजों को शेयर करेंगे तो आपको लगेगा कि हां ये मेरे जैसा सोचते हैंऔर कोई मेरे साथ है। जिससे आप खुद को उनसे जुड़ा हुआ और सुरक्षित महसूस कर सकते हैं।
साथ ही लोगों की मदद करके आप कुछ अच्छा भी कर रहे होंगे। इसी बहाने आप घर से बाहर भी निकलने लगेंगे और लोगों से जुड़े रहेंगे।
5. एक पालतू जानवर पालना काफी मदद कर सकता है।
आप चाहें तो अपने नजदीक के पशु आश्रय से कोई कुत्ता या बिल्ली गोद ले सकते हैं, क्योंकि पशुओं के प्रति आपका और उनका आपके प्रति प्यार अकेलेपन को दूर करने में काफी मदद करता है। साथ ही यह एक नया अनुभव भी है और आपको दूसरों पर फिर भरोसा करना भी सिखाता है।
विश्वास किजीये, एक pet डॉग या कैट रखना आपके मेन्टल हेल्थ के लिये भी काफी मददगार साबित होगा और आप खुश भी रहेंगे।
और पढ़ें: क्या आपका रिलेशनशिप ख़त्म होने की कगार पर है ? जानिए 6 Signs