बचपन से ही पुरुषों को मर्द बनाने की तैयारी शुरू कर दी जाती है, जब उन्हें "लड़कियों जैसे रोने" को मना किया जाता है या "मर्द को दर्द नहीं होता" जैसी बातें सिखाई जाती हैं और बड़े होने तक उन्हें पूरी तरह से मर्दाना बना दिया जाता है।
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