Anupriya Yadav: शतरंज की दुनिया में अपना नाम दर्ज कराने वाली अनुप्रिया यादव अभी सिर्फ 6 साल की हैं और उन्होंने पूरी दुनिया को अपने टैलेंट और दिमाग़ का लोहा मनवा दिया है। संगम नगरी की रहने वाली अनुप्रिया ने 6 साल की छोटी सी उम्र में पूरी दुनिया में खलबली मचा दी है। उन्होंने विश्व चैंपियनशिप को जीतकर वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम किया है ऐसा करके उन्होंने विश्वनाथन आनंद की बराबरी कर ली है। वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतने वाली अनुप्रिया ने वर्ल्ड रेटिंग में अंडर-7 वूमेंस में पहला स्थान हासिल किया है। इस चैंपियनशिप को अनुप्रिया ने 1307 अंकों के साथ जीता है। फ्रांस की रहने वाली बुनी सेकेंड और बांग्लादेश की वारिसा हैदर को वर्ल्ड रैंकिंग में थर्ड पोजिशन मिली है। फोर्थ रैंक इंग्लैंड की नवी कोनारा जबकि फिफ्थ रैंक संस्कृति यादव ने हासिल की है जो कि भारत की ही रहने वाली हैं। संस्कृति ने 1223 अंकों के साथ पांचवीं रैंक हासिल की है।
सेकंड क्लास की स्टूडेंट हैं अनुप्रिया
छोटी सी अनुप्रिया इलाहाबाद के नैनी की रहने वाली हैं। वह अभी सिर्फ सेकंड क्लास की स्टूडेंट हैं और बेंथनी कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ती हैं। उनके पिता का नाम शिवशंकर यादव है, जो एक कोचिंग चलाते हैं। जबकि उनकी मां सरस्वती एक गवर्नमेंट स्कूल में टीचर हैं। अपने इंटरव्यू में अनुप्रिया ने बताया कि उनके घर में शतरंज का बड़ा क्रेज है, उनकी बड़ी बहन प्रिया भी नेशनल लेवल की चेस प्लेयर हैं। अनुप्रिया को बचपन से ही चेस खेलना बेहद पसंद है। उनके माइंड में हर टाइम शतरंज की ही चालें चलती रहती हैं।
पढ़ाई के साथ साथ चेस को भी पूरा टाइम देती हैं अनुप्रिया
अपनी स्टडीज के बाद अनुप्रिया हर रोज करीब सात घंटे तक चेस खेलती हैं। पढ़ाई से जो भी टाइम मिलता है उसमें वह अपनी बड़ी बहन के साथ शतरंज खेलती हैं। अनुप्रिया ने बताया कि कोरोना टाइम से उन्होंने ऑनलाइन चेस खेलना स्टार्ट किया जिससे उनके गेम में और भी ज्यादा इंप्रूवमेंट हुआ। उन्हें अपने देश के लिए मेडल जीतना था जो कि उन्होंने अपनी छोटी सी उम्र में ही पूरी दुनिया को जीतकर दिखा दिया। वह कहती हैं कि वह अपने पैरेंट्स के ड्रीम को पूरा करने की कोशिश कर रही हैं।
बड़ी बहन से गाइडेंस ले रही हैं अनुप्रिया
अनुप्रिया की बड़ी बहन प्रिया यादव एक नेशनल लेवल की चेस प्लेयर हैं। अनुप्रिया के घर पर बचपन से ही चेस खेलने और देखने का माहौल था। जिसका असर उनके माइंड पर हुआ। अपनी बहन को देखकर अनुप्रिया ने चेस खेलना स्टार्ट किया। अपनी बहन के साथ खेलते खेलते अनुप्रिया पूरे वर्ल्ड को चैलेंज करने में सफल हो गईं हैं। उनके पैरेंट्स को भी चेस खेलना पसंद है जिससे घर में ही उन्हें एक सपोर्टिव इनवायरमेंट मिलता है। इसी वजह से अनुप्रिया ने 6 साल की बेहद कम उम्र में वर्ल्ड चैंपियनशिप को जीतकर इतिहास कायम किया है। साथ ही साथ उनकी इस जीत का श्रेय उनके पिता को जाता है जिन्होंने हमेशा हर मुश्किल को अपनी बेटी के लिए आसान किया है।
अनुप्रिया की अन्य उपलब्धियां
अनुप्रिया ने कुछ समय पहले ही 19 से 23 मई को नेपाल में होने वाले फिफ्थ दोखला ओपन चेस चैंपियनशिप अंडर-12 को जीता है। इससे पहले भी वृंदावन में हुए एक कंपटीशन में उन्हें दूसरा स्थान प्राप्त हुआ था।