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FAQ About Masturbation: क्या Masturbation से कमजोरी आती है?

क्या मैस्टरबेशन से वीकनेस होती है? जब हम सेक्सुअली अराउज्ड होते हैं या यौन उत्तेजना महसूस करते हैं और चर्म सुख प्राप्त करते हैं। हम एक सेक्सुअल रिस्पांस साइकिल कंप्लीट करते हैं तो पूरा शरीर एक सीमा तक जाता है, एक रिलीज और ऑर्गजम होता है।

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Rajveer Kaur
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Masturbation

(Image Credit: Freepik)

FAQ About Masturbation: क्या मास्टरबेशन से वीकनेस होती है? जब हम सेक्सुअली अराउज्ड होते हैं या यौन उत्तेजना महसूस करते हैं और चर्म सुख प्राप्त करते हैं। हम एक सेक्सुअल रिस्पांस साइकिल कंप्लीट करते हैं तो पूरा शरीर एक सीमा तक जाता है, एक रिलीज और ऑर्गजम होता है। शायद विरय भी निकलता है। इसके बाद पूरा शरीर रिकवर करने लगता है तो कुछ समय के लिए शरीर में कमजोरी लगती है। यह सिर्फ एक टेंपरेरी स्थिति है। इससे कोई परमानेंट वीकनेस नहीं होती और शरीर खुद को स्वस्थ करने में सक्षम है।

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FAQ About Masturbation: क्या Masturbation से कमजोरी आती है?

सबसे पहली बात यह वीकनेस सेक्सुअल रिस्पांस साइकिल का हिस्सा है। आप सेंसिटिव हो सकते हैं, बहुत रिलैक्स और कुछ कमजोरी भी महसूस कर सकते हैं। यह सब पूरी तरह से नॉर्मल है और यह सब सिर्फ टेंपरेरी है। 

दूसरा यह कि बहुत सारे लोग कहते हैं कि मैं अपना लिंग बहुत इस्तेमाल करता हूं, मैं बहुत हस्त मैथुन करता हूं इसलिए मेरा लिंग खड़ा नहीं हो पाता या देर तक खड़ा नहीं हो पाता। मैस्टरबेशन से इस तरह की वीकनेस नहीं होती बल्कि आप मैस्टरबेशन से अपने आप को ट्रेन कर सकते हैं ताकि आप लंबे समय तक इरेक्ट रहे और इजैकुलेट कर सके। 

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तीसरी बात यह है कि हर बार एक तरीके से मास्टरबेट ना करें। यदि आप आदतन प्राणी हैं और हर बार एक ही तरीके से मास्टरबेट करते हैं तो आप मास्टरबेट करने के अन्य सभी तरीकों से चूक रहे हैं जिनसे आप अलग-अलग तरह की सेंसेशंस फील कर सकते हैं। आप और प्लेफुल और क्रिएटिव हो सकते हैं ताकि जब आपका साथी आपको किसी अलग या नए तरीके से स्पर्श करें तो आप घबराहट ना महसूस करेंक्योंकि आप सिर्फ एक ही तरीके से परिचित हैं। ऐसा पुरुष और महिलाओं दोनों के साथ होता है। आप अलग पोजीशन में मास्टरबेट कर सकते हैं। 

उदाहरण के लिए अगर आप हमेशा लेटकर मास्टरबेट करते हैं तो आप खड़े होकर या बैठकर मास्टरबेट कर सकते हैं।मैस्टरबेशन के दौरान और एक्टिव हो सकते हैं जैसे कि आप शरीर ना हिलाने की जगह हाथ ना हिलाकर बॉडी को हिलाएं। 

लुब्रिकेंट का भी इस्तेमाल किया जा सकता हैं क्योंकि जब पेनिस वजाइना में जाता है तो वजाइना लुब्रिकेटेड होता है तो बिना लुब्रिकेंट के मास्टरबेट करने की कोई जरूरत नहीं है। बहुत सारे लोग बिना लुब्रिकेंट के मास्टरबेट करते हैं और इससे कभी-कभी समय के साथ लिंग डिसेन्सिटाइजेशन हो सकता है 

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लुब्रिकेंट का भी इस्तेमाल किया जा सकता हैं क्योंकि जब पेनिस वजाइना में जाता है तो वजाइना लुब्रिकेटेड होता है तो बिना लुब्रिकेंट के मास्टरबेट करने की कोई जरूरत नहीं है। बहुत सारे लोग बिना लुब्रिकेंट के मास्टरबेट करते हैं और इससे कभी-कभी समय के साथ लिंग डिसेन्सिटाइजेशन हो सकता है 

यह कभी-कभी की बात नहीं के बजाय लंबे समय की बात है। हमेशा बिना लुब्रिकेंट के 20-30 साल तक सोचिए क्या होता है कि नाजुक लिंग वास्तव में असंवेदनशील हो जाता है. ज्यादा एहसास नहीं। जब ऐसे में लिंग वजाइना में जाता है तो देर तक खड़े रहने में परेशानी हो सकती है, स्खलन के लिए पर्याप्त उत्तेजित होने में कठिनाई हो सकती है।

अतः, पहला कि यह टेंपरेरी होती है सच में कोई कमजोरी नहीं होती। दूसरा मास्टरबेशन से लिंग में कमजोरी नहीं आती बल्कि यह शरीर के लिए एक अच्छी कसरत है हालांकि इसका संबंध आपके मास्टबेट करने के तरीके से है जिस पर आपको कुछ टिप्स दी हैं। 

Masturbation FAQ
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