How Long Should you Breastfeed your Child: ब्रेस्टफीड का महत्व और लाभ सभी माताओं और शिशुओं के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। लेकिन कई माता-पिता यह जानना चाहते हैं कि बच्चे को कितने समय तक स्तनपान कराना उचित होता है। यहाँ हम इसी विषय पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
बच्चे को कितने समय तक Breastfeed कराना चाहिए?
ब्रेस्टफीड का प्रारंभिक समय
ब्रेस्टफीड की शुरुआत बच्चे के जन्म के तुरंत बाद से होनी चाहिए। जन्म के पहले घंटे में ही बच्चे को माँ का दूध पिलाना चाहिए। इससे बच्चे को कोलोस्ट्रम मिलता है, जो कि पोषक तत्वों और एंटीबॉडीज से भरपूर होता है। यह बच्चे की इम्यूनिटी को बढ़ाता है और संक्रमण से बचाने में मदद करता है।
पहले छह महीने
WHO और यूनिसेफ दोनों का सुझाव है कि बच्चे को पहले छह महीने तक केवल ब्रेस्टफीड ही कराया जाना चाहिए। इस अवधि में बच्चे को किसी अन्य प्रकार का भोजन या पानी देने की आवश्यकता नहीं होती। माँ का दूध सभी आवश्यक पोषक तत्वों को पूरा करने में सक्षम होता है।
छह महीने के बाद
छह महीने के बाद, बच्चे को ब्रेस्टफीड के साथ-साथ ठोस आहार की भी आवश्यकता होती है। इस समय माँ का दूध बच्चे के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति के साथ-साथ उसकी इम्यूनिटी को भी बनाए रखता है। ठोस आहार में धीरे-धीरे फल, सब्जियाँ, दलिया आदि शामिल किए जा सकते हैं।
एक से दो वर्ष तक
बच्चे को एक वर्ष तक ब्रेस्टफीड कराना अत्यधिक लाभकारी होता है। इसके बाद भी, यदि संभव हो, तो दो वर्ष तक स्तनपान जारी रखना अच्छा माना जाता है। यह बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए महत्वपूर्ण होता है। WHO का सुझाव है कि बच्चे को दो वर्ष तक और उससे आगे भी ब्रेस्टफीड करना चाहिए यदि माँ और बच्चा दोनों इसके लिए तैयार हों।
ब्रेस्टफीड का महत्व
ब्रेस्टफीड न केवल बच्चे के स्वास्थ्य के लिए बल्कि माँ के स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होता है। इससे माँ और बच्चे के बीच का भावनात्मक संबंध मजबूत होता है। इसके अलावा, ब्रेस्टफीड से माँ के शरीर में हार्मोनल संतुलन बना रहता है और गर्भाशय के संकुचन में मदद मिलती है, जिससे प्रसव के बाद जल्दी स्वस्थ होने में सहायता मिलती है।
ब्रेस्टफीड बंद करने का सही समय
ब्रेस्टफीड बंद करने का सही समय माँ और बच्चे दोनों की सहमति पर निर्भर करता है। कोई निश्चित समय सीमा नहीं है, लेकिन आमतौर पर दो वर्ष की आयु के बाद बच्चे को ब्रेस्टफीड बंद करने की सलाह दी जाती है। इसे धीरे-धीरे करना चाहिए ताकि बच्चे को किसी प्रकार का शारीरिक या मानसिक तनाव न हो।
ब्रेस्टफीड के दौरान कुछ महत्वपूर्ण बातें
बच्चे को ब्रेस्टफीड कराते समय सही पोजीशन में होना जरूरी है। इससे बच्चे को दूध पीने में आसानी होती है और माँ को भी असहजता नहीं होती। माँ को अपने आहार में पोषक तत्वों की कमी नहीं होने देनी चाहिए। इससे दूध की गुणवत्ता में सुधार होता है। माँ को पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए ताकि दूध की आपूर्ति बनी रहे। ब्रेस्टफीडिंग के दौरान माँ को पर्याप्त आराम मिलना चाहिए।
अपने बच्चे को ब्रेस्टफीड कराना एक प्राकृतिक और स्वस्थ तरीका है जिससे बच्चे को सभी आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं और उसकी इम्यूनिटी मजबूत होती है। माता-पिता को अपने बच्चे की जरूरतों के अनुसार ब्रेस्टफीडिंग का समय निर्धारित करना चाहिए। हालाँकि, विशेषज्ञों का सुझाव है कि कम से कम छह महीने तक केवल ब्रेस्टफीड और दो वर्ष तक ब्रेस्टफीडिंग के साथ ठोस आहार देना चाहिए। इससे बच्चे का संपूर्ण विकास होता है और माँ का स्वास्थ्य भी बेहतर रहता है।
ब्रेस्टफीडिंग का समय और अवधि व्यक्तिगत और सांस्कृतिक मान्यताओं पर भी निर्भर करती है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण यह है कि माँ और बच्चे दोनों के लिए जो सबसे अच्छा हो, उसे अपनाया जाए।