How to Know the Signs and Symptoms Of Menopause: मेनोपॉज ट्रांजिशन, मेनोपॉज से पांच से सात साल पहले और 40 के उम्र के बीच से शुरू होती है। यह महिलाओं के लिए थोड़ा कठिन समय हो सकता है। जिन महिलाओं को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं होती है उनके लिए इसे मैनेज करना आसान नहीं होता है। इसलिए महिलाओं को मेनोपॉज के बारे में बेसिक जानकारी होनी चाहिए। यह ऐसा समय होता है जब महिलाओं को पीरियड आने बंद हो जाते हैं। यह एक बायोलॉजिकल प्रोसेस है जिसमें आपको 12 महीने तक पीरियड्स नहीं आते हैं। चलिए इसके बारे में कुछ चीजें जानते हैं-
Menopause के बारे में ये जरूरी 3 चीजें जानें
मेनोपॉज की उम्र क्या है?
भारत में औसतन 45 से 55 वर्ष के बीच मेनोपॉज होती है जो थोड़ा पहले होता है। इसलिए यह संपूर्ण फेज है, जो कुछ दिनों तक नहीं ब्लकि सालों तक होता है। यह सबसे महत्वपूर्ण बात है क्योंकि यह धीरे-धीरे आता है। यह आपके पास आ सकता है और आपको इसका एहसास नहीं होगा कि यह हो रहा है जिसमें हम कुछ चीजों को देखते हैं।
इसमें मुख्य तीन चीजें हैं
पीरियड्स में परिवर्तन
मेनोपॉज के कारण आपको सबसे बड़ा बदलाव अपने पीरियड्स में देखने को मिलता है। आपका पीरियड साइकिल बहुत हल्का हो सकता है या फिर आपको हैवी ब्लीडिंग भी हो सकती है। कई बार महिलाओं को पीरियड आना बंद भी हो जाता है। इन सब बदलावों से आप समझ सकते हैं कि अब आपकी मेनोपॉज की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। ऐसे में पीरियड के साथ कुछ भी हो सकता है या तो यह ज्यादा फ्रिक्वेंट हो सकते हैं या फिर अंतराल में आना शुरू हो सकते हैं।
मेनोपॉज के लक्षण होना महत्वपूर्ण है
आपको मेनोपॉज के लक्षणों से भी पता चल जाता है कि अब उसे स्टेज तक पहुंच गए हैं। हर महिला में अलग-अलग लक्षण दिखाई देते हैं। इसलिए आपको डॉक्टर के साथ बार-बार संपर्क करना चाहिए ताकि आप मेडिकल केयर ले सके मेनोपॉज के लक्षणों की बात की जाए तो यह बहुत सारे हैं जैसे मूड स्विंग्स, हॉट फ्लैशेस, सोने में परेशानी, रात को पसीना आना, वेजाइनल ड्राइनेस, पीरियड्स में बदलाव, मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाना और वजन का बढ़ जाना आदि।
हार्मोनल प्रोफ़ाइल
इसके लिए आप कुछ ब्लड टेस्ट कर सकते हैं जिनकी आपको आवश्यकता होगी। आप देख पाएंगे कि आपको अपने और हार्मोनल प्रोफाइल में बदलाव नजर आने लगेगा जिससे आप समझ जाएंगे कि अब आप मेनोपॉज की तरफ बढ़ रहे हैं क्योंकि हार्मोन लेवल में बदलाव आने लग जाता है जैसे Estrogen और Progesterone का लेवल बिल्कुल कम हो जाता है।