Parenting: जब पेरेंट्स अपने बच्चों को कोई भी चीज के लिए ना कहते हैं तो बच्चे अक्सर नहीं सुनते हैं या रोने लगते हैं। उनको कोई भी चीज के लिए मना करने पर भी वह किसी भी तरह अपनी बात को मनवा ही लेते हैं तो आखिर कैसे पेरेंट्स बच्चों को ना कहें?
कुछ तरीके जिससे आप अपने बच्चों को ना कह सकते हैं
1. Choose Your NO
अगर आप अपने बच्चों को बार-बार कोई चीज के लिए मना करते हो जैसे "नहीं ऐसा मत करो" या "नहीं ये मत खरीदो" तो लगातार ना बोलने से बच्चे परेशान हो जाते हैं और हमारी ना को वो अनसुना करने लगते हैं। हर समय बच्चे भी अपने पेरेंट्स के हिसाब से चलना नहीं पसंद करते हैं। इसलिए 'ना" को कम इस्तेमाल करें जिससे बच्चे आपकी बात सुने और उसको माने।
2. When you do say NO, say it Respectfully and Firmly
जब आप बच्चों को ना कहते हैं तो आप अपने tone को ध्यान में रखें। यह काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि आप किस तरह बोलते हैं इसका बच्चों पर काफी असर पड़ता है। आप ऊंची आवाज में बोल रहे हैं या धीमी आवाज में, दोनों मे काफी फर्क होता है। जब आप बच्चों को कोई चीज के लिए मना कर रहे हैं तो आप ध्यान रखें कि आप ऊंची आवाज में डाँट के ना बोले, बल्कि प्यार से समझा कर बोले। अगर आप उन्हे डाँट के बोलते हैं तो यह हो सकता है कि वह आपकी बात को ना सुने और न ही समझे। लेकिन वही अगर आप उन्हें प्यार से बोलते हैं तो वह जरूर आपकी बात सुनेंगे।
3. Don't expect your child to take your NO Gracefully
जब आप अपने बच्चों को ना कहते हैं तो जरूरी नहीं है कि वह इसे सुनेंगे बल्कि उनको काफी गुस्सा आएगा। जब किसी को कोई भी चीज के लिए मना करते हैं तो उन्हे पसंद नहीं होता है और उनके कुछ emotions बाहर आते हैं चाहे वो रो कर हो या गुस्सा कर के और आपको इसके लिए पहले से ही तैयार रहना होगा क्योंकि यह सिर्फ उनके emotions है जो बाहर निकल रहे हैं।
4. Don't get Angry
अगर आपका बच्चा आपकी बात नहीं सुन रहा है तो आप गुस्सा न करें क्योंकि इससे परेशानी ठीक होने के बजाय बढ़ सकती है और आप उस प्रॉब्लम को ठीक करने के बजाय आप उसी का हिस्सा बन जाओगे। आप उस समय शांत रहें और बच्चों को बताए कि आप समझते हैं कि उन्हे यह पसंद नहीं है।
5. Stick to your Decision
अक्सर पेरेंट्स अपने ना को हाँ में बदल देते हैं जिससे बच्चे परेशान करना बंद कर दें। कई पेरेंट्स कहते हैं कि उनके बच्चे तो अपनी बात मनवा ही लेते हैं लेकिन जितना आप अपने बच्चों के रोने या गुस्सा करने से मानोगे उतना ही वह और परेशान करेंगे क्योंकि उनको लगेगा कि यही तरीका है अपनी बात मनवाने का, इसलिए आप अपने बात पर टिके रहें।