Shwetamberi Shetty on Health Over Appearance: आप अक्सर फिटनेस की दुनिया में सुनते हैं - "फिट शरीर कैसा दिखता है?" इस सवाल का जवाब शायद आपके ख्याल से कहीं अलग है। "द रूलब्रेकर शो" (The Rulebreaker Show) के लेटेस्ट एपिसोड में फिटनेस ट्रेनर श्वेतांबरी शेट्टी ने फिटनेस कम्युनिटी में अक्सर नजरअंदाज किए जाने वाले विषय - 'आदर्श फिटनेस' (ideal physique) की उम्मीदों पर बात की।
फिट शरीर कैसा दिखता है? जानें श्वेतांबरी शेट्टी से
जब आप किसी फिट व्यक्ति के बारे में सोचते हैं तो क्या ख्याल आता है? शायद ग्रीक पौराणिक कथाओं से निकली हुई मूर्ति की तरह, एब्स और टोंड आर्म्स वाला कोई व्यक्ति। फिटनेस की दुनिया में, जहां अक्सर बाहरी रूप रंग को ज्यादा महत्व दिया जाता है, हम यह भूल जाते हैं कि असली स्वस्थ्य हमेशा दिखने के तरीके पर निर्भर नहीं करता।
भले ही एक सुडौल शरीर आकर्षक लगता हो, लेकिन फिटनेस जर्नी में असल में प्रेरणा देने और मार्गदर्शन करने वाले गुण बाहरी दिखावे से परे होते हैं। "द रूलब्रेकर शो" के लेटेस्ट एपिसोड में फिटनेस गुरु श्वेतांबरी शेट्टी ने फिटनेस ट्रेनर होने के बारे में रूढ़िवादी सोच और मिथकों को तोड़ा और इस पेशे के अक्सर नजरअंदाज किए जाने वाले पहलुओं पर चर्चा की।
श्वेतांबरी शेट्टी के फिटनेस ट्रेनिंग को लेकर सच
शो की होस्ट और SheThePeople & Gytree की फाउंडर शैली चोपड़ा के साथ बातचीत में, प्रमाणित फिजिकल ट्रेनर और फिटनेस आंत्रप्रेन्योर श्वेतांबरी ने समाज की फिटनेस कोच से जुड़ी उम्मीदों के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि दुनियाभर में जहां फिटनेस ट्रेनर के 'परफेक्ट फिजिक' (perfect physique) के कॉन्सेप्ट को खारिज कर दिया गया है, वहीं भारत में अभी भी ये पुराने आदर्श कायम हैं।
श्वेतांबरी ने बताया, "मुझे ये ज़रूर कहना होगा कि जब मैंने अपने शुरुआती सर्टिफिकेशन में से एक, ज़ुम्बा फिटनेस किया था, तब ये बात सिखाई गई थी कि 'कोच के रूप में दिखने का कोई खास तरीका नहीं है। जब तक आपके पास ज्ञान है और आप अपने ट्रेनीज का बेहतर प्रदर्शन करवा सकते हैं, तो आप किसी भी तरह दिख सकते हैं।' क्योंकि इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे कोई छिपी हुई बीमारी, जिसकी वजह से आप एक खास तरह से दिखते हों।" हालांकि, भारत में फिटनेस ट्रेनर्स के लिए स्थिति इतनी शानदार नहीं है।
उन्होंने कहा, "हमारे देश में ये बहुत अलग है। यहां तक कि आप मजबूत दिखते हों, बहुत अच्छे दिखते हों, या फिर साइज ज़ीरो दिखते हों, तब तक आप एक अच्छे कोच नहीं माने जाते।" शेट्टी ने ये भी बताया कि फिटनेस कोच के लिए 'आदर्श' शारीरिक बनावट के बारे में उन्हें लोगों से क्या-क्या कॉमेंट्स सुनने को मिलते हैं।
उन्होंने नक़ल करते हुए बताया, "'वह इतनी मोटी होकर कैसे ट्रेनर हो सकती है? वो खुद का ख्याल नहीं रख सकती तो मेरा क्या ख्याल रखेगी?'"
फिटनेस को सिर्फ बाहरी रूप से आंकना लोगों को दूसरों से अपनी फिटनेस जर्नी की तुलना करने पर मजबूर कर देता है, जिससे वो खुद को असफल या कमतर समझने लगते हैं। इसीलिए, श्वेतांबरी शेट्टी ने फिट शरीर के बारे में सोच को बदलने के लिए बातचीत शुरू की। उन्होंने फिटनेस और स्वास्थ्य की बहुआयामी प्रकृति के बारे में बताया।
फिटनेस सिर्फ जिम जाने या वज़न कम करने के बारे में नहीं है। यह एक समग्र जीवनशैली है, जिसमें संतुलित आहार, अच्छी नींद, तनाव प्रबंधन और सकारात्मक मानसिकता शामिल है। फिटनेस ट्रेनर का काम न सिर्फ लोगों को कसरत करना सिखाना है, बल्कि उन्हें एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित और मार्गदर्शन करना भी है।