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Women In Sports: खेल के क्षेत्र में महिलाओं को किन समस्याओं को करना पड़ता है सामना

पिछले कुछ सालों में यह देखा गया है की महिलाएं स्पोर्ट्स में भी पुरुषों की बराबरी कर रही है। लेकिन जैसा कि देखा गया विनेश फोगाट, साक्षी मलिक समेत 30 कुश्ती खिलाड़ियों ने जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन किया। आइए जानते हैं स्पोर्ट्स संबंधी ब्लॉग के जरिए

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Aastha Dhillon
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Sports and Women

Problems Faced By Women In Sports Sector: जैसा कि देखा गया विनेश फोगाट, साक्षी मलिक समेत 30 कुश्ती खिलाड़ियों ने जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन किया। जहां पर उन्होंने बताया कि किस तरह से महिला खिलाड़ियों का शोषण किया जाता है और आवाज उठाने पर उनका करियर खत्म कर देने की धमकी दी जाती है। अब सोचनीय विषय यह है कि अगर इतने बड़े लेवल पर महिलाओं का उत्पीड़न किया जाता है, लड़कियों को खेलने से रोका जाता है तो उन छोटी बच्चियों का क्या जो अपना भविष्य स्पोर्ट्स में देख रही है।

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क्या कहता है समाज?

हमारा समाज ही केवल लड़कों को अपने बचपन से स्पोर्ट्स एवं बाहर की गतिविधियों में पार्टिसिपेट करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं वहीं पर लड़कियों को घर के काम एवं कुछ जगह पर पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करते हैं। यह जो बचपन में एक गेप बन गया है वही गेप लंबे समय तक चलता जाता है। इस दरार के पीछे एक मुख्य कारण समाज का भी है जिन्होंने लड़कियों को कभी प्रोत्साहित ही नहीं किया की स्पोर्ट्स जैसे एरिया में जाकर अपना नाम कमा सकें। 

महिलाओं में स्पोर्ट्स की लहर - परंतु पिछले कुछ सालों में यह देखा गया है की महिलाएं इस भाग में भी पुरुषों की बराबरी एवं उनसे आगे निकल रही है। वूमेंस क्रिकेट को पिछले कुछ समय में बहुत प्रोत्साहन एवं प्रेरणा के रूप में देखा गया है। बैडमिंटन, बॉक्सिंग, एथलेटिक्स एवं रेस में भी हमारे देश की लड़कियों में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया एवं जो लड़कियां अभी छोटी हैं उनके लिए प्रेरणा का स्रोत बनी। 

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आज के समय में जब भी गेम्स या स्पोर्ट्स की बात करते हैं तो उनमें दंगल जैसी मूवी की याद आती है जो कि गीता बबीता फोगाट के जीवन के ऊपर बनी है यह मूवी हमें दर्शाती है कि लड़कियों की इज्जत एवं उनका दृढ़ निश्चय उन्हें अपने देश के लिए गोल्ड मेडल लाने के काबिल बनाता है।

समानता के लिए कदम - हम आज न जाने कितनी ही स्पोर्ट्स संबंधी महिलाओं को जानते हैं जिनमें सानिया नेहवाल सानिया मिर्जा मैरी कॉम हिमा दास शामिल है। जो आज एक बड़े स्थान पर हैं। हमें महिलाओं को स्पोर्ट्स में बढ़ावा देने के लिए अनेक प्रयास करने चाहिए ऐसा ही एक सजग प्रयास अभी BCCI ने किया जिसमें उन्होंने महिलाओं को समान रूप से सैलरी देने का निश्चय लिया। 

स्पोर्ट्स अथॉरिटी के साथ-साथ हमें समाज के रूप में भी बदलना होगा हमें लड़का और लड़की के बीच के अंतर को हटाकर उन्हें समान रूप से प्रोत्साहित करना होगा एवं उनकी जरूरत आने पर सहायता करनी होगी सरकार को भी कुछ ऐसे निर्णय एवं पॉलिसी लानी होंगी जिससे स्पोर्ट्स में महिलाएं और उच्चतम स्थान प्राप्त कर सकें एवं हमारे देश का नाम रोशन कर सकें। 

Sports BCCI
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