5 Period Side Effects That Aren't Cramps: मासिक धर्म में ब्लीडिंग पूरे मासिक धर्म चक्र का हिस्सा है। मासिक धर्म चक्र पूरे रिप्रोडक्टिव को शामिल करता है, जिसमें अंडे का विकास, ओव्यूलेशन और गर्भाशय में परिवर्तन होता हैं। मासिक धर्म चक्र की लंबाई अलग-अलग हो सकती है, लेकिन यह आमतौर पर लगभग 28 दिनों की होती है। मासिक धर्म के दौरान, महिला शरीर में हार्मोनल परिवर्तन होते हैं। जिसमें हार्मोनल उतार-चढ़ाव, ऐंठन मासिक धर्म का एक सामान्य साइड इफ़ेक्ट है, ऐसे अन्य लक्षण भी हैं जो कुछ महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान हो सकते हैं।आइये जानते हैं इस ब्लॉग में -
कौन से पीरियड साइड इफेक्ट्स जो क्रैम्प्स नहीं हैं
1. थकान
कई महिलाओ को मासिक धर्म चक्र के दौरान थकान या कम इनर्जी लेवल का अनुभव होता है। उसके अलावा हार्मोन्स में उतार-चढ़ाव, एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन में गिरावट होती है, इसके साथ थकान और सुस्ती भी होती है।
2. सिरदर्द
कुछ महिलाओ को मासिक धर्म से पहले या उसके दौरान सिरदर्द या माइग्रेन का प्रॉब्लम हो सकता है। जिसमें हार्मोनल चेंज, एस्ट्रोजन(Estrogen) में गिरावट, यह सारी चीज़े सिरदर्द को ट्रिगर कर सकती हैं। अगर मासिक धर्म के दौरान तनाव ना लें, पर्याप्त आराम करें और हाइड्रेटेड रहें तो सिरदर्द या माइग्रेन को कम करने में मदद मिल सकती है।
3. सूजन
मासिक धर्म चक्र के दौरान हार्मोनल परिवर्तन से द्रव प्रतिधारण (Fluid Retention) हो सकता है, जिससे सूजन और पेट में परेशानी महसूस हो सकती है। यह सूजन वजन बढ़ने और पेट के नीचे वाले हिस्से में भारीपन की भावना पैदा कर सकता है।
4. मूड में बदलाव
मासिक धर्म चक्र के दौरान हार्मोन्स के स्तर में उतार-चढ़ाव होता है जिसके कारण मूड स्विंग हो जाता है। कई महिलाओ को प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (पीएमएस) के लक्षणों का अनुभव होता है, जैसे चिड़चिड़ापन, मूड में बदलाव, चिंता या डिप्रेशन हो सकता है। मासिक धर्म शुरू होने के बाद ये लक्षण आमतौर पर ठीक हो जाते हैं।
5. ब्रेस्ट कोमलता
कुछ महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान ब्रेस्ट कोमलता या दर्द का अनुभव हो सकता है। हार्मोनल परिवर्तन के कारण ब्रेस्ट के टिशू अधिक सेन्सेटिव हो जाते हैं, जिससे दर्द हो सकता है। इसलिए सपोर्टिव ब्रा पहनने और गर्म सेक लगाने से राहत मिल सकती है।
चेतावनी: प्रदान की जा रही जानकारी केवल सूचनात्मक उद्देश्य से है। कुछ भी प्रयोग में लेने से पूर्व चिकित्सा विशेषज्ञ से अवश्य परामर्श लें।