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Society Judgement: जानिए समाज कैसे लड़कियों को पहनावे से जज करता है

ब्लॉग: कोई महिला छोटी ड्रेस पहनती है तो सबसे पहले यही सुनने को मिलता है, छोटी ड्रेस पहनने वाली उस लड़की को देखो वह कितनी अटेंशन सीकर है। महिला चाहे जैसे भी हो उन्हे जज नही कर सकते हैं। आइये जानतेहैं कौन से तरीके से महिलाओं को जज किया जाता है।

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Priti
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5 Things Where Society Judge Girls According To Dress Style (Image Credit - Dealshutter)

Society Judgement: एक महिला की शक्ल-सूरत पर लगभग हर किसी की एक राय होती है। जैसे कि महिला की स्कर्ट, उसके क्लीवेज, उसकी एड़ियों की ऊंचाई से लेकर उसकी लिपस्टिक के रंग तक का अंदाजा और जजमेंट पास किए जाते हैं। समाज के लोग अक्सर बहुत सारे कमेंट पास करते हैं जैसे कि अगर कोई महिला छोटी ड्रेस पहनती है तो सबसे पहला बयान यही सुनने को मिलता है, ''छोटी ड्रेस पहनने वाली उस लड़की को देखो'' वह कितनी अटेंशन सीकर है।” महिला चाहे जैसे भी हो चाहे वह कुछ भी पहने समाज उन्हे जज नही कर सकती है। हर महिला खूबसूरत होती है।आइये जानते हैं कौन कौन से तरीके से महिलाओं को जज किया जाता है।

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कौन-कौन से तरीके से महिलाओं को जज किया जाता है?

1. स्कर्ट या ड्रेस की लंबाई (Length of the skirt or dress)

समाज अक्सर लड़कियों को उनकी स्कर्ट या ड्रेस की लंबाई के आधार पर जज करता है। लंबाई के संबंध में कुछ अपेक्षाएं या मानदंड हैं यदि किसी लड़की की पोशाक इन अपेक्षाओं से परे है जैसे कि बहुत छोटी या बहुत लंबी ड्रेस, तो उसे स्लट बोल कर जज करते हैं।

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2. दिखावटी कपड़े (Revealing clothing)

लड़कियों को अक्सर इस आधार पर जज किया जाता हैं कि उनके कपड़ों से कितनी बॉडी दिख रही है। यदि कोई लड़की ऐसी पोशाक पहनती है जिसे बहुत अधिक दिखावटी या उत्तेजक माना जाता है, तो समाज उसे बेकर या होर जैसे शब्द का इस्तेमाल कर जज करता है। 

3. प्रोफेशनल में पोशाक का चयन (Choice of attire in professional)

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प्रोफेशनल में लड़कियों को उनके कपड़ों की पसंद के आधार पर जज किया जाता है। समाज लड़कियों से एक निश्चित तरीके से कपड़े पहनने की अपेक्षा करता है जो पेशेवर, कार्यस्थल और भी अन्य जगहों के लिए अलग हों, जैसे कि कैज़ुअल या ट्रेंडी पोशाक पहनना जो पूरी तरह से बॉडी से कुछ रिवील ना हो अगर ऐसा हुआ तो लड़कियों को समाज से बुरे नज़र और जजमेंट सुनने को मिलते हैं।

4. सांस्कृतिक या धार्मिक कार्यक्रमों के लिए ड्रेस (Cultural or religious clothing)

समाज अक्सर लड़कियों को सांस्कृतिक या धार्मिक कपड़े पहनने या ना पहनाने की उनकी पसंद के आधार पर जज करता है। जो लड़कियाँ पारंपरिक पोशाक पहनना या धार्मिक पोशाक कोड का पालन करना करती हैं, उन्हें भी जज किया जाता हैं उनके कपड़ो को लेकर और जो लड़कियां इन अपेक्षाओं को नहीं चुनती हैं, उन्हें अपनी सांस्कृतिक या धार्मिक पहचान को नहीं अपनाने के लिए भी जज किया जा सकता है।

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5. व्यक्तिगत शैली या फैशन विकल्प (Personal style or fashion choices)

लड़कियों को उनकी पर्सनल स्टाइल या फैशन पसंद के आधार पर बहुत सोचना पड़ता हैं क्योंकि जिससे उन्हें समाज जज ना करे। लड़कियों को कैसे कपड़े पहनने चाहिए, इस बारे में समाज को अक्सर कुछ अपेक्षाएँ होती हैं, चाहे वह फैशन हो, या चॉइस, चाहे वह क्रॉप टॉप हो या शॉर्ट ड्रेस हो जो लड़कियां अपने कपड़ों के माध्यम से खुद को दिखाती हैं उन्हें सामाजिक जजमेंट या गलतफहमी का सामना करना पड़ सकता है।

Clothing समाज ड्रेस dress
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