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5 ताने जिन्हें डेली लाइफ में महिलाओं को इग्नोर करने चाहिए

आज भी जिंदगी में दिन प्रतिदिन महिलाओं को कई प्रकार के ताने सुनने को मिलते हैं। उनमें से कुछ ताने ऐसे भी हैं जो महिलाओं को इग्नोर करने चाहिए। चलिए उनके बारे में जानते हैं-

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Shruti
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5 Things Women Should Ignore In Daily Life (Image Credit: Freepik)

5 Things Women Should Ignore In Daily Life: आज भी जिंदगी में दिन प्रतिदिन महिलाओं को कई प्रकार के ताने सुनने को मिलते हैं। उनमें से कुछ ताने ऐसे भी हैं जो महिलाओं को इग्नोर करने चाहिए। चलिए उनके बारे में जानते हैं-

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5 ताने जिन्हें डेली लाइफ में महिलाओं को इग्नोर करने चाहिए 

1. बॉडी शेमिंग 

बॉडी शेमिंग अर्थात किसी के शरीर के बारे में उसे शर्मिंदा करना। अक्सर कई महिलाओं को उनके पतले, मोटे, अलग रंग के होने, भिन्न बॉडी प्रकार के होने एवं बॉडी या फेशियल हेयर्स के होने पर भी हीनता का बोध करवाया जाता है। महिलाओं को यह समझना अति आवश्यक है कि वह कभी भी अपने शरीर को लेकर असहज महसूस ना करें। हर कोई प्रकृति की एक उत्कृष्ट रचना है,  हमेशा अपने शरीर के प्रति सकारात्मक भाव रखें।

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2. उठने बैठने का तरीका

अक्सर महिलाओं को बचपन से ही उचित रूप से उठने,बैठने, खाने एवं हंसने के तरीके सिखाए जाते हैं। खास कर की महिलाओं का जोर-जोर से या आवाज निकाल के हंसना गलत समझा जाता है। ऐसे तानों को नजरअंदाज करें।

3. शादी

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महिलाओं की शादी एक ऐसा विषय है जिसको लेकर समाज में पूर्व निर्धारित कई धारणाएं प्रचलित है। आज भी कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां महिलाओं की शिक्षा को प्राथमिकता ना देकर उनकी शादी कर दी जाती है। उन्हें एक पराया धन समझा जाता है। लड़कियों की बढ़ती उम्र एवं समाज के तानो के डर से कई माता-पिता अपनी बेटियों को बिना आत्मनिर्भर बनाएं ही उनकी शादी कर देते  हैं। आज के समाज में महिलाओं का आत्मनिर्भर होना अति आवश्यक है। जब महिलाएं सशक्त होंगी तभी समाज का विकास संभव है।

4. कपड़ो पर टिप्पणी

आज भी कई लोग महिलाओं के कपड़ों पर टिप्पणियां करते हैं।  गौरतलब है कि किसी भी असामाजिक घटना तक का दोषी भी महिलाओं के कपड़ों को ठहरा दिया जाता है। कभी-कभी तो कपड़ों की लंबाई से किसी के चरित्र तक की तुलना कर दी जाती है। महिलाएं अपने कपड़ों का चयन करने के लिए स्वतंत्र हैं और उन्हें किसी भी प्रकार के तानों को जो समाज हित में नहीं, उन्हे इग्नोर करना चाहिए। 

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5. करियर

आज महिलाएं लगभग हर क्षेत्र में पुरुष से कदम से कदम मिलाकर चलने की क्षमता रखती है। कई ऊंचे पदों पर महिलाएं कार्यरत हैं। ऐसे में समाज के कई वर्ग आज भी महिलाओं के अपना करियर या रुचि छोड़कर परिवार एवं बच्चे संभालने को ही आदर्श स्त्री धर्म मानते हैं। ऐसे में कोई महिला यदि अपने करियर पर ज्यादा ध्यान देती है तो यह शर्मनाक समझा जाता है। जबकि पुरुषों पर ज्यादातर ऐसे नियम लागू नहीं होते। आज समाज में यह जरूरी है कि लोग महिलाओं का बढ़-चढ़कर हर क्षेत्र में सहयोग करें।

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