6 Health Conditions Faced By Women During Menopause: मीनोपॉज महिलाओं में उम्र बढ़ने के साथ होने वाली नेचुरल प्रोसेस है जिसमें महिला 12 महीने तक बिना पीरियड्स के रह जाती है। यह एस्ट्रोजन लेवल्स कम होने और उम्र के साथ ओवेरियन फंक्शन बंद हो जाने के कारण होता है।
मीनोपॉज के दौरान हो सकती हैं ये 6 हेल्थ प्रोब्लेम्स
मीनोपॉज के सिम्पटम्स मेंस्ट्रुएशन बिलकुल बंद होने से कई साल पहले शुरू हो सकते हैं और बंद होने के बाद भी दिख सकते हैं। आपकी उम्र के 40 साल पूरे होने के बाद आपके मेंस्ट्रुअल पीरियड्स लॉन्ग या शार्ट, हैवी या लाइट और फ्लो कम या ज़्यादा हो सकता है। मीनोपॉज की वजह से आपकी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ के साथ आपकी हेल्थ में भी काफी चेंजेस आ सकते हैं। आइए बात करते हैं कि यह आपकी हेल्थ को किस तरह इम्पैक्ट कर सकता है।
1. इर्रेगुलर पीरियड्स
जैसे हमने ऊपर बात की, मीनोपॉज की उम्र में आपकी पीरियड्स इर्रेगुलर हो सकते हैं। इसमें कभी पीरियड्स समय से पहले या फिर लेट भी हो सकते हैं। ब्लड फ्लो भी कम-ज़्यादा होने की संभावना हो सकती है। हालाँकि यह एक नेचुरल प्रोसेस है, फिर भी आपको इसमें डॉक्टर की सलाह ज़रूर लेनी चाहिए।
2. स्लीप एपनिया
स्लीप एपनिया एक स्लीप डिसऑर्डर है जिसमें सोते समय आपकी सांस रुकती है और फिर चलने लगती है। मीनोपॉज के दौरान हार्मोनल इम्बैलेंस होना नार्मल है। इस सिचुएशन में आपके एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन होर्मोनेस का लेवल कम हो जाता है, जिसकी वजह से आपको स्लीप एपनिया की प्रॉब्लम हो सकती है।
3. वेट गेन
मीनोपॉज में होने वाले हार्मोनल चेंजेस की वजह से महिलाओं में हिप्स और थाईस की जगह पेट के आसपास वजन बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है। लेकिन जरूरी नहीं कि इसका कारण सिर्फ हार्मोनल इम्बैलेंस ही हो। आमतौर पर उम्र बढ़ने के साथ-साथ लाइफस्टाइल और जेनेटिक फैक्टर्स भी इसका कारण हो सकते हैं।
4. मूड चेंजेस एंड हॉट फ्लैशेस
हॉट फ्लैशेस मीनोपॉज में होने वाली एक हेल्थ सिचुएशन है जो अक्सर गर्मी के अचानक भड़कने, पसीने और लाल त्वचा के साथ महसूस होता है। मूड स्विंग में आपके मूड्स में अचानक चेंजेस होने लगते हैं और ये चेंजेस काफी इंटेंस होते हैं। हॉट फ्लैशेस और मूड स्विंग्स का मेन कारण भी हार्मोनल इम्बैलेंस होता है।
5. लो सेक्स ड्राइव
लो सेक्स ड्राइव को लो लिबीडो भी कहा जाता है। मीनोपॉज के समय औरतों की सेक्स-ड्राइव भी कम हो जाती है। इसका एक कारण तो हार्मोनल चेंजेस ही है और दूसरा ऐज फैक्टर भी हो सकता है।
6. वेजाइनल ड्राइनेस
वेजाइना में ड्राइनेस में आपके वेजाइनल टिश्यूस ड्राई हो जाते हैं और ये प्रॉपर्ली मॉइस्चराइज़्ड नहीं होते। इससे खासकर सेक्स के दौरान डिस्कम्फर्ट हो सकती है।
Disclaimer: इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।