Are you overreacting or just sensitive: कभी-कभी इंसान बड़ी ही जल्दी इरिटेट हो जाता है। छोटी-छोटी बातों पर इंसान बहुत ज्यादा चिड़चिड़ा हो जाता है। अचानक से मूड स्विंग्स होने लगते हैं। कभी-कभी बहुत ज्यादा थकान के कारण भी छोटी-छोटी चीजों पर चिड़चिड़ापन होना आम बात है। परंतु बहुत ज्यादा ओवररिएक्ट करना गलत भी हो सकता है। ऐसे में यह पांच निशानियां हैं जिससे आप अपने रिएक्शंस को अच्छे से समझ सकते हैं। जिस पर आप जरूर ध्यान दें
Overreaction: जानिए क्या आप ओवररिएक्ट कर रहीं हैं या सेंसिटिव हैं
1. स्ट्रेस या एंजायटी होना
साइकोलॉजी के हिसाब से लोग ओवररिएक्ट तब करते हैं जब वह अपने ऊपर कोई थ्रेट पाते हैं। जब इंसान को अपने आसपास थ्रेट फील होता है तब शरीर स्ट्रेस हारमोंस रिलीज करता है। कोर्टिसोल और एड्रेनलिन हार्मोंस शरीर को फाइट या फ्लाइट मोड के लिए तैयार करते हैं। ऐसी स्थिति में भी आप बहुत ज्यादा ओवररिएक्ट कर सकते हैं।
2. नींद पूरी ना होना
नींद सेहत के लिए अति आवश्यक है। यह दिमाग को रिलैक्स और शांत करती है। रिसर्च के हिसाब से यदि नींद पूरी नहीं ली गई तो ब्रेन 60% अधिक रिएक्टिव हो जाता है। ऐसे में यह ध्यान रखें कि आपको यदि बहुत अधिक चिड़चिड़ापन हो रहा है तो आपकी नींद पूरी हुई है या नहीं। हमेशा 7 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद जरूर लें।
3. भूख लगना
कभी-कभी इंसान भूखे होने के वजह से भी चिड़चिड़ा हो जाता है। खाना ना खाने से ब्लड का शुगर लेवल बढ़ता है जो कि स्ट्रेस हार्मोन को रिलीज करता है। जिसके कारण कभी-कभी अग्रेशन या ओवररिएक्शन देखने को मिलते हैं। अपने आहार में अच्छा और पौष्टिक भोजन जरूर शामिल करें।
4. ट्रिगर प्वाइंट
हर इंसान का अपने पास्ट के अनुभवों की वजह से कुछ ट्रिगर पॉइंट्स हो सकते हैं। वह ऐसे पॉइंट्स होते हैं जिसके बारे में इंसान बहुत सेंसिटिव हो जाता है। यदि आपको भी किसी एक खास बात पर ज्यादा गुस्सा आता है या चिड़चिड़ापन महसूस होता है तो हो सकता है वह आपका ट्रिगर प्वाइंट हो। ऐसे में इसे नजरअंदाज ना करें हो सके तो इसे हील करने की कोशिश करें।
5. बहुत सेंसिटिव होना
कभी-कभी यदि आप बहुत ज्यादा सेंसिटिव इंसान है तो भी आपको दूसरों की छोटी-छोटी बातें छुभ सकती हैं। या आप उन बातों से ज्यादा ओवर रिएक्शन दे सकते हैं। हालांकि ज्यादा सेंसिटिव होने के अपने फायदे और नुकसान हैं। ज्यादा सेंसिटिव होने से आप दूसरों के दर्द भी अच्छे से समझ सकते हैं और ऐसे में उन्हें एंपैथी भी दे सकते हैं।