Be Self Reliant: जब आप आत्मनिर्भर होते हैं, तो आत्मनिर्भरता न केवल आपके परिवार के बोझ को कम करती है बल्कि आपको अपने परिवार के सदस्यों और प्रियजनों के प्रति एक मजबतू ढाल भी बना देती है। इससे आप अपने जीवन में जिम्मेदारी और समझदारी से काम करने तथा निर्णय लेने में सक्षम हो जाते हैं।
हमने अक्सर देखा है कि महिलाएं किसी ना किसी काम के लिए किसी दूसरे व्यक्ति पर डिपेंडेंट रहती हैं। आइए जानते हैं इस इंस्पिरेशन ब्लॉग में कि कैसे महिलाएं भी बन सकती हैं सेल्फ डिपेंडेंट और कर सकती हैं अपना जीवन यापन और आखिर क्यों है सेल्फ डिपेंडेंट बनना इतना जरूरी।
1.फाइनेंशियली इंडिपेंडेंट (Financially Independent)
महिलाओं को खासकर भारत में महिलाओं को फाइनेंशियल स्वतंत्रता के रास्ते में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उनके निजी जीवन के निर्णय पारिवारिक तथा विवाहित जीवन की जिम्मेदारियों के बोझ तले दब जाते हैंऔर ज्यादातर ऐसे मामलो में औरतें करियर नहीं बना पाती या उन्हें अपना करियर छोड़ना पड़ जाता है। इसलिए यह जरूरी है कि औरतें आत्मनिर्भर बनें और आत्मनिर्भर बनने के लिए उनका फाइनेंशियली इंडिपेंडेंट होना बहुत जरूरी है।
2. फैमिली को सपोर्ट
आपने यह बात तो सुनी होगी की एक महिला से ही परिवार का निर्माण होता है। जो सही भी है, उसी तरह जब उसी परिवार की कोई महिला सेल्फ डिपेंड बन जाती है तो पूरा परिवार भी सेल्फ डिपेंड हो जाता है क्योंकि महिला किसी भी स्थिति में अपने परिवार को पूरा सपोर्ट करती है चाहे वह फाइनेंशली हो, इमोशनली हो, या फिजिकली।
3.खुद लेंगी जिम्मेदारी
अक्सर हमने देखा है कि लोग अपने फाइनेंस की जिम्मेदारी खुद ना लिखकर अपने लिए किसी CA या कोई Financial Advisor रख लेते हैं। परंतु बेहतर यही रहेगा कि आप खुद इस चीज की जिम्मेदारी लें, और अपने कैश और बजट दोनों को खुद ही संभाले। ऐसे में ना केवल आफ सेल्फ डिपेंडेंट बनते हैं बल्कि आपको जानकारी भी होती है।
4.स्ट्रांग बनाता है
आत्मनिर्भर महिलाओं के अदंर यह डर नहीं होता कि वह अकेली हैं। वे अपने जीवन को बिना किसी डर के या विचलित हुए जीती हैं। आत्मनिर्भरता आत्मविश्वास को बढ़ाने का कार्य करता है जो कि जीवन के हर पड़ाव पर जीने में और चुनौतियों का सामना करने का साहस देता है।
5.औरतें होंगी स्वतंत्र
ज्यादातर घरों में औरतें रुढ़ीवादी सोच के माहौल में जीती हैं और अपनी सारी जरुरतों के लिए उन्हें अपने पिता, भाई या पति पर निर्भर रहना पड़ता है। अगर औरत स्वतंत्र होगी तब अपने फैसले खुद ले सकेगी और अपने पसदं की जिदं गी भी आराम से जी सकेंगी। उदाहरण स्वरुप अगर किसी औरत को कहीं जाना हो या घर लेना हो, अगर वह फाइनेंशियली इंडिपेंडेंट होगी तो आसानी से फैसले लेगी।