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आज के ज़माने में भी कई लोगों का मानना है कि एक लड़का और लड़की सिर्फ अच्छे दोस्त नहीं हो सकते! वे समझते हैं कि लड़का और लड़की चाहे कितने भी अच्छे दोस्त हों लेकिन कभी ना कभी उनकी दोस्ती में एक सेक्सुअल फील आ ही जाएगा। लेकिन ये सोच ही हमें फिर पीछे धकेल देती है की लड़के कभी लड़कियों को बिना सेक्सुअल फील के एक दोस्त या महज आम इन्सान की तरह देख ही नहीं पाएँगे, और ना ही लड़कियां लड़कों को।
इसलिए आइए आज समझते हैं कि लड़के और लड़कियों के बीच एक अच्छी दोस्ती का रहना कितना जरूरी है।
ऐसा सोचना कि एक लड़की से आप कभी सिर्फ दोस्त नहीं बन सकते यह लड़कों के लिये बेहद टाॅक्सिक है, क्योंकि वैसे भी लड़के आपस में ज्यादा इमोशनल हो जाएं तो उनका मज़ाक उड़ाया जाता है। ऐसे में उन्हें लड़कियों के साथ भी इमोशनल बॉन्ड बनाने का मौका ना मिले तो वे बहुत अकेले हो जाते हैं।
और ये तो हम सभी जानते हैं कि हर किसी को इमोशनल तौर पर कोई होना चाहिये जो आपकी बातें सुने और समझे। ऐसे में लड़कों का ये सोचना की ना ही उनके बाकी दोस्त और ना ही लड़कियों से वे इमोशनली खुद को शेयर कर सकते हैं तो सोचिये की ये कितना टाॅक्सिक माइंडसेट (Toxic Mindset) है!
ये कितनी ही लड़कियों की कहानी है कि जिस लड़के से वे बेहद अच्छी दोस्त थी, वो लड़का सिर्फ इसलिए दोस्त बना क्योंकि उसे लड़की में सेक्सुअली इंटरेस्ट था। ऐसे वाकये हम लड़कियों को लड़कों पर दोबारा कभी भरोसा करने ही नहीं देते, साथ ही किसी के साथ एक बेहद अच्छे दोस्ती के रिश्ते का मौका भी छीन लेते हैं।
इसलिए अगर एक लड़का और लड़की अच्छे दोस्त हों तो वो हमें एक-दूसरे को सेक्सुअल ऑब्जेक्ट (object) की तरह नहीं एक इंसान के नज़रिये से देखेंगे जो दोनों जेंडर के लिए फायदेमंद है.
कितनी ही बार हम 'फ्रेंडजोन' (Friendzone) से जुड़े मज़ाक बनाते हैं लेकिन ये समझना जरूरी है कि किसी का दोस्त होना कोई बुरी बात या insult नहीं है। उल्टा यह तो एक ऐसा रिश्ता है जहां आप सामने वाले से जो चाहे शेयर कर सकते हैं और एक-दूसरे से कितना कुछ सीख सकते हैं।
मेरा यह मानना हैं कि एक अच्छा दोस्त होना किसी के साथ होने वाले सेक्सुअल रिलेशनशिप से तो कहीं ज्यादा बढ़कर है। किसी का अच्छा दोस्त होना मेरे लिये एक सम्मान की बात है।
कई लड़कों ये सोच रखने लगते हैं की अगर वे दोस्ती से शुरुआत करेंगे तो शायद वे जिस लड़की को पसंद करते हैं वो भी उनसे attract हो जाएगी। लेकिन इस सोच को जितनी जल्दी हो सके खत्म करना होगा क्योंकि दोस्ती कोई ऐसी चीज़ नहीं जो महज टाईमपास के लिये की जाए। ये भी एक काफी इमोशनल और खुबसूरत रिश्ता है।
इसलिए अगर कोई आपसे वैसे attract ना हो जैसे आप उस इन्सान से हैं तो इस बात को आगे ले जाने की कोई जरुरत नहीं है। Rejection काफी नॉर्मल है और जरूरी नहीं की सामने वाला भी आपको पसंद करे, इसलिए इस बात को खीचने की बजाय ऐक्सेप्ट करें और आगे बढ़ जाना चाहिए।
और पढ़ें: कुछ कुछ होता है फिल्म मुझे क्यों पसंद नहीं आयी
इसलिए आइए आज समझते हैं कि लड़के और लड़कियों के बीच एक अच्छी दोस्ती का रहना कितना जरूरी है।
यह सोच लड़कों के लिये बहुत टाॅक्सिक साबित होती है।
ऐसा सोचना कि एक लड़की से आप कभी सिर्फ दोस्त नहीं बन सकते यह लड़कों के लिये बेहद टाॅक्सिक है, क्योंकि वैसे भी लड़के आपस में ज्यादा इमोशनल हो जाएं तो उनका मज़ाक उड़ाया जाता है। ऐसे में उन्हें लड़कियों के साथ भी इमोशनल बॉन्ड बनाने का मौका ना मिले तो वे बहुत अकेले हो जाते हैं।
और ये तो हम सभी जानते हैं कि हर किसी को इमोशनल तौर पर कोई होना चाहिये जो आपकी बातें सुने और समझे। ऐसे में लड़कों का ये सोचना की ना ही उनके बाकी दोस्त और ना ही लड़कियों से वे इमोशनली खुद को शेयर कर सकते हैं तो सोचिये की ये कितना टाॅक्सिक माइंडसेट (Toxic Mindset) है!
यह सोच हमें एक-दूसरे पर भरोसा नहीं करने देती।
ये कितनी ही लड़कियों की कहानी है कि जिस लड़के से वे बेहद अच्छी दोस्त थी, वो लड़का सिर्फ इसलिए दोस्त बना क्योंकि उसे लड़की में सेक्सुअली इंटरेस्ट था। ऐसे वाकये हम लड़कियों को लड़कों पर दोबारा कभी भरोसा करने ही नहीं देते, साथ ही किसी के साथ एक बेहद अच्छे दोस्ती के रिश्ते का मौका भी छीन लेते हैं।
इसलिए अगर एक लड़का और लड़की अच्छे दोस्त हों तो वो हमें एक-दूसरे को सेक्सुअल ऑब्जेक्ट (object) की तरह नहीं एक इंसान के नज़रिये से देखेंगे जो दोनों जेंडर के लिए फायदेमंद है.
'फ्रेंडजोन' (Friendzone) कोई बुरा स्टेट नहीं है।
कितनी ही बार हम 'फ्रेंडजोन' (Friendzone) से जुड़े मज़ाक बनाते हैं लेकिन ये समझना जरूरी है कि किसी का दोस्त होना कोई बुरी बात या insult नहीं है। उल्टा यह तो एक ऐसा रिश्ता है जहां आप सामने वाले से जो चाहे शेयर कर सकते हैं और एक-दूसरे से कितना कुछ सीख सकते हैं।
मेरा यह मानना हैं कि एक अच्छा दोस्त होना किसी के साथ होने वाले सेक्सुअल रिलेशनशिप से तो कहीं ज्यादा बढ़कर है। किसी का अच्छा दोस्त होना मेरे लिये एक सम्मान की बात है।
Rejection नॉर्मल है, इसमें कोई बड़ी बात नहीं।
कई लड़कों ये सोच रखने लगते हैं की अगर वे दोस्ती से शुरुआत करेंगे तो शायद वे जिस लड़की को पसंद करते हैं वो भी उनसे attract हो जाएगी। लेकिन इस सोच को जितनी जल्दी हो सके खत्म करना होगा क्योंकि दोस्ती कोई ऐसी चीज़ नहीं जो महज टाईमपास के लिये की जाए। ये भी एक काफी इमोशनल और खुबसूरत रिश्ता है।
इसलिए अगर कोई आपसे वैसे attract ना हो जैसे आप उस इन्सान से हैं तो इस बात को आगे ले जाने की कोई जरुरत नहीं है। Rejection काफी नॉर्मल है और जरूरी नहीं की सामने वाला भी आपको पसंद करे, इसलिए इस बात को खीचने की बजाय ऐक्सेप्ट करें और आगे बढ़ जाना चाहिए।
और पढ़ें: कुछ कुछ होता है फिल्म मुझे क्यों पसंद नहीं आयी