Do Not Ignore Symptoms Of High Cholesterol: हमारे शरीर में दो तरह का कोलेस्ट्रॉल होता है, जिसमें एक Low Density Lipoprotein (LDL) कोलेस्ट्रॉल है, इसे बैड कोलेस्ट्रॉल भी कहा जाता है। इसमें दूसरा High Density Lipoprotein (HDL) कोलेस्ट्रॉल है, जिसे गुड कोलेस्ट्रॉल माना जाता है। जब LDL कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ जाता है, तो आपकी आर्टरीज काफी नैरो हो सकती हैं, जिससे ब्लॉकेज होने का डर रहता है। HDL कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम होने से हार्ट डिसीस और दूसरी प्रॉब्लम्स हो सकती हैं, खासकर अगर आपके LDL कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड का लेवल ज़्यादा है।
कोलेस्ट्रॉल को करेंगे इग्नोर तो हो सकती हैं ये दिक्कतें
आईए जानते हैं कि कोलेस्ट्रॉल लेवल हाई होने पर अगर आपने इसे इग्नोर किया तो आने वाले समय में आपको कौन सी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
1. Coronary Heart Disease
हाई कोलेस्ट्रॉल से हमें मेन खतरा कोरोनरी हार्ट डिजीज है, जिससे दिल का दौरा पड़ने से मौत हो सकती है। अगर आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल बहुत बढ़ जाए तो कोलेस्ट्रॉल आपकी आर्टरीज की दीवारों में जमा हो सकता है। समय के साथ यह प्लाक आर्टरीज को टाइट कर देता है जिससे ब्लड फ्लो रुक सकता है। दिल को फीड करने वाली आर्टरीज कुछ जगहों से नैरो हो सकती हैं और दिल की मांसपेशियों के हिस्से में ब्लड फ्लो स्लो हो सकता है। ब्लड फ्लो कम होने से दिल में दर्द हो सकता है, जिसे एनजाइना कहा जाता है और अगर ब्लड वेसल पूरी तरह से ब्लॉक हो जाए तो हार्ट अटैक भी हो सकता है।
2. Risk Of Stroke
कोलेस्ट्रॉल प्लाक सिर्फ आपके दिल के अंदर और उसके आसपास की ब्लड वेसल्स ही नहीं घेरता, बल्कि आपके दिमाग तक जाने वाली कुछ आर्टरीज को भी नैरो कर देता है। अगर दिमाग तक खून पहुँचाने वाली वेसल पूरी तरह से ब्लॉक हो जाए, तो आपको स्ट्रोक हो सकता है। इसलिए आपको कोलेस्ट्रॉल के हाई लेवल को कभी हलके में नहीं लेना चाहिए।
3. Peripheral Vascular Disease
आपके दिल और दिमाग के अलावा, कोलेस्ट्रॉल का हाई लेवल आपके पैरों और दूसरे अंगों को भी प्रभावित कर सकता है, जिसमें टाँगें और पैर सबसे आम हैं। जब आप चलते हैं तो आपको अपने काल्व्स में क्रैम्प्स महसूस हो सकते हैं जो आराम करने से ठीक हो जाते हैं। यह एनजाइना की तरह काम करता है लेकिन आपके दिल के बजाय आपके पैरों में। इस तरह कोलेस्ट्रॉल का लेवल हाई होने से आपके शरीर के दूसरे ऑर्गन्स पर भी बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
4. Diabetes
डायबिटीज से पीड़ित लोगों में LDL आर्टरीज से चिपक जाते हैं और ब्लड वेसल्स की दीवारों को नुकसान पहुंचाते हैं। ग्लूकोज आपके लिपोप्रोटीन से जुड़ता है और कण कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसर्डीज़ को सेल्स तक ले जाते हैं। शुगरकोटेड LDL बलडसट्रीम में लंबे समय तक रहता है और प्लाक बनने में मदद कर सकता है। डाईबटिस वाले लोगों में HDL कम और ट्राइग्लिसराइड का लेवल ज़्यादा हो सकता है और अगर कोलेस्ट्रॉल की प्रॉब्लम को नज़रअंदाज़ किया जाए तो ये दोनों हार्ट और आर्टरी डिसीस के खतरे को बढ़ाते हैं।
5. High Blood Pressure
हाई कोलेस्ट्रॉल की वजह से हाई ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ जाता है। हाई कोलेस्ट्रॉल इन्फ्लेमेशन और कुछ हॉर्मोनलस रिलीज़ को ट्रिगर करता है जिससे ब्लड वेसल्स टाइट हो जाती हैं। इस स्थिति को "एंडोथेलियल डिसफंक्शन" कहा जाता है। कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर आपके दिल को खून पंप करने के लिए ज़्यादा मेहनत करनी पड़ती है, जिससे आपका ब्लड प्रेशर हाई होता है। अगर इस पर ध्यान न दिया जाए तो आपको हाई BP की प्रॉब्लम पकड़ सकती है।
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