Domestic Violence: आखिर कब तक महिलाएं सहेंगी डोमेस्टिक वायलेंस का दंश

स्त्रियों के लिए अधिकार तो बना दिए गए है पर आज भी बहुत स्त्रियां अपने अधिकारों से अनभिज्ञ हैं। आज भी महिलाओं के साथ डोमेस्टिक वायलेंस के केस बढ़ते जा रहे हैं। जाने इस ओपिनियन ब्लॉग के जरिए किस तरह महिलाएं आज भी डोमेस्टिक वायलेंस का शिकार बनती आ रही है

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Aastha Dhillon
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Domestic Violence Against Women: तापसी पन्नू की फिल्म 'थप्पड़' तो सबको याद होगी। फिल्म में महिलाओं से जुडी एक गंभीर समस्या को दिखाया गया था। आज हम बात करे रहें हैं, महिलाओं के ऊपर हो रहें अत्याचार और घरेलू हिंसा की। इंडिया में वैसे तो घरेलू हिंसा के खिलाफ कई सज़ा बना दी गयी है, लेकिन फिर भी इस समाज में हर दिन कोई न कोई महिला घरेलू हिंसा का शिकार होती रहती है। 

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क्यों होती है महिलाओं के साथ मार पीट (Why Women Suffer Domestic Violence?)

कई महिलाएं खुद के ही घर में अपने पति से पीटी जाती है या फिर उनके साथ शारीरिक अत्याचार होता है। चाहे वह एक काम करने वाली महिला हो जो पैसे कमाती है या फिर वह एक गृहिणी हो। कई बार सुनाई देता है कि किसी पुरुष ने अपने पत्नी को बड़े बेरहमी से मारा। इसका कारण कभी शराब होता है, कभी पैसे होता है या फिर कई बार दहेज होता है।

महिलाएं जब अपने ही घर में सुरक्षित महसूस नहीं करती तो वह बाहर कैसे जाएगी। हमारे समाज में जब एक महिला को उसका पति शराब पीकर मारता है तो उसे बचाने के लिए कोई दखलंदाजी नहीं करता और सिर्फ देखते रहते है। लेकिन अगर कोई महिला और पुरुष सड़क पर खड़े होकर बाते करे तो कई लोग उनको ताने मारते हैं और उनके खिलाफ गलत चीजें कहते हैं। समाज में महिलाओं का सम्मान करना बहुत जरूरी है,अगर किसी महिला को उनके ही घर में शारीरिक या मानसिक तौर पर परेशान किया जा रहा है तो इसके खिलाफ आवाज उठाना जरूरी है। 

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डोमेस्टिक वायलेंस में कोई एडजस्टमेंट न करें

कई बार घर की बड़ी-बूढी महिलाओं को कहते सुना होगा- "एक ही तो थप्पड़ है, एडजस्ट (Adjust) कर लो"। दरअसल, असली समस्या की जड़ है, हर गलत चीज़ के खिलाफ एडजस्ट कर लेना।  

महिलाएं हर जगह खुद को सिचुएशन के हिसाब से ढलती रहती हैं। लेकिन बात जब मार-पिट या आत्मसम्मान की आये तो उसमे एडजस्ट करना बेवकूफी है। थप्पड़ एक हो या दो, अपमान एक लाइन में हो या माँ हो, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। महिलाओं को किसी भी हाल में गलत के लिए एडजस्ट करने की कोई जरुरत नहीं। 

अधिकारों का हनन

महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में जानकारी नहीं होने के कारण उनके साथ अपराध होते हैं। अपराधों की बढ़ती संख्या के खिलाफ लड़ने के लिए, अपने कानूनी अधिकारों का पता होना पूरी तरह से जरूरी है। भारतीय संविधान महिलाओं को कई अधिकार प्रदान करता है। यहां हर लड़की और महिला के अधिकारों की लिस्ट है जो सभी महिलाओं को पता होने चाहिए 

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