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Female Candidate: महिलाएं चुनाव में करती हैं इन चुनौतियों का सामना

भारत जैसे देश में राजनीति एक मर्द प्रधान प्रोफेशन है। जिसमें अगर महिलाएं शामिल भी हो जाए तो पीछे से हुक्म तो मर्दों को चलता है। महिलाओं को राजनीति में आने के लिए बहुत सारी चुनौतियों सामना करना पड़ता है

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Rajveer Kaur
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Female Candidate Struggles In Elections: भारत जैसे देश में राजनीति एक मर्द प्रधान प्रोफेशन है। जिसमें अगर महिलाएं शामिल भी हो जाए तो पीछे से हुक्म तो मर्दों को चलता है। अभी कुछ समय पहले भारत सरकार के द्वारा लोकसभा और राज्य समय में Women Reservation Bill को पास किया गया है। अभी इसके लागू होने में समय लग सकता है लेकिन सवाल यह है कि क्या ऐसे बिल लाने से भी सामान राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी? इसका जवाब बहुत पेचीदा है क्योंकि महिलाओं को राजनीति में आने के लिए सिर्फ मौकों की तलाश नहीं है इसके साथ उन्हें और भी बहुत सारी चुनौतियों सामना करना पड़ता है जो उनकी भागीदारी में बाधा है आइए बात करते है महिलाओं को किन-किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है?

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Female Candidate Struggles:  चुनाव में करती है इन चुनौतियों का सामना

  1. परिवार का साथ नहीं मिलता

    महिलाओं को राजनीति में आने के लिए इतना प्रोत्साहन नहीं किया जाता है बहुत कम महिलाएं जिनका राजनीति में कोई बैकग्राउंड नहीं होता वह सामने आते हैं इसके लिए भी उन्हें पहले किसी और पर प्रोफेशन में नाम बनाना पड़ता है फिर वह राजनीति में प्रवेश करती हैं। भारतीय लोगों के अनुसार करियर के तौर पर महिलाओं को टीचिंग, डॉक्टर, नर्स आदि के प्रोफेशन में जाना चाहिए जिस कारण  महिलाएं पर्याप्त सपोर्ट न मिलने के कारण पीछे रह जाती है।
  2. सेक्सुअल अब्यूज

    भारत जैसे देश में चुनाव के लिए महिलाओं को प्रचार के लिए गांव-गांव जाकर लोगों से बात करनी पड़ती है। कई बार ऐसे दूरवर्ती इलाकों में भी जाना पड़ता है। इसके कारण सेक्सुअल एब्यूज या उत्पीड़न भी कई बार सहन करना पड़ता है।
  3. पित्तरसत्ता सोच से मुकाबला

    महिलाओं को शारीरिक चुनौतियों के साथ-साथ मानसिक चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता हैजैसे महिलाओं का राजनीति में क्या काम है? औरत का फर्ज  खाना पकाना है और बच्चे पैदा करना है। महिलाएं तो घर की चार द्वारी में अच्छी लगती है।ऐसी सोच भी महिलाओं की लिए बाधा बनती है।
  4. सेक्सिस्म 

    इसके साथ एक बड़ी चुनौती यह भी है कि महिलाएं सेक्सिज्म का शिकार होती है जैसे उन्हें बोला जाता है कि मर्द महिलाओं से ज्यादा अच्छे लीडर होते हैं। अगर एक महिला लीडर बन भी जाती है तो निर्भर तो  मर्द पर ही होती है। मर्द ज्यादा अच्छे फैसले ले सकते हैं ऐसी सोच के कारण भी महिलाओं का  राजनीति में आना मुश्किल हो जाता है क्योंकि लोग उन पर विश्वास ही नहीं दिखाते हैं।
  5. Male candidates का भेदभाव व्यवहार

    मेल कैंडिडेट्स का व्यवहार महिलाओं के लिए भेदभाव से भरा होता है। इसके साथ जो पूरे सिस्टम में मर्द प्रधानता होने की वजह से जो पल भी मर्दों को ही दी जाती है जिसके कारण महिलाएं पीछे रह जाते हैं।
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