How Women's Representation In Politics Can Bring Change In The Country?: हाल ही में सरकार के महिलाओं के प्रति उठाए गए कुछ कदम से यह कहना गलत ना होगा कि आने वाले दिनों में राजनीति में महिला प्रतिनिधित्व की आशा की जा सकती हैI भविष्य में भारत की ज्यादा से ज्यादा औरतें राजनीति से जुड़कर देश की औरतों की आवाज़ बन सकती हैंI कई स्थानों में आज भी महिलाओं को लैंगिक असमानता एवं सेक्सुअल हैरेसमेंट का सामना करना पड़ता है उनकी स्थिति को समझने के लिए और उनके लिए कोई ठोस कदम उठाने के लिए महिला राजनीतिज्ञ का सरकार में होना आवश्यक हैI वर्तमान हालात की बात करें तो अब भी राजनीति में कई औरतों ने भाग लिया है और इससे देश में औरतों की अवस्था में कई बदलाव आए हैंI
कैसे राजनीति में औरतों की भागीदारी से देश में बदलाव आएगा?
1. लिंग-संवेदनशील नीतियां
सरकार में महिलाएं अक्सर लैंगिक असमानता, महिलाओं के अधिकार, शिक्षा, स्वास्थ्य के प्रति देखभाल और चाइल्ड वेलफेयर जैसे सामाजिक मुद्दों को प्राथमिकता देती हैं। उनकी उपस्थिति से ऐसी नीतियों का निर्माण हो सकता है जो इन मुद्दों को संबोधित करती हैं और स्वस्थ चिंता धारा की समाज को बढ़ावा देती है। उदाहरण के लिए, हाल ही कुछ वर्षों में, भारत सरकार ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ) अभियान जैसी नीतियां पेश की हैं, जिसका उद्देश्य भारत में बेटियों की सुरक्षा एवं उनकी शिक्षा को बढ़ावा देना है।
2. महिला सशक्तिकरण
महिला प्रतिनिधि उन नीतियों में योगदान दे सकती हैं जो महिला सशक्तिकरण और समाज के विभिन्न क्षेत्रों में भागीदारी को बढ़ावा देती हैं। उदाहरण के लिए, स्टैंड अप इंडिया योजना जैसे महिलाओं के लिए एंटरप्रेन्योर बनने के लिए उन्हें टेक्निकल और फाइनेंशियल सहायता करना है।
3. सेफ्टी एवं सिक्योरिटी
महिला पॉलीटिशियन महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने के लिए सक्रिय रूप से परिवर्तन कर सकती हैं। लैंगिक असमानता, सेक्सुअल हैरेसमेंट जैसे मुद्दों के बारे में खुलकर चर्चा करने में मदद कर सकती हैं, जिससे नीतिगत हस्तक्षेप हो सकता है। बल्कि इसी साल 'बीएनएस' जैसे कानून को बनाकर महिलाओं के साथ हुए अन्याय का जल्द से जल्द फैसला करना एवं गुनहगार को कड़ी से कड़ी सजा देने की घोषणा की हैI
4. महिला प्रतिनिधित्व एवं शासन
सरकार में महिलाएं राजनीतिक चर्चाओं में महत्वपूर्ण नजरिया पेश करती हैं, जिससे यह निश्चित होता है कि व्यापक स्तर पर हर औरत की आवाज और ज़रूरत पर विचार किया जाए। इससे हमारी नीतियों और शासन में भी सुधार आएगा। उदहारण के तौर पर, हाल ही में सरकार ने वूमेन रिजर्वेशन बिल पास की जिसकी धारा 108 के तहत विधानसभा और संसद में 33% सीट महिलाओं के लिए रिज़र्व की जाएगीI इस पहल को देखकर हम कह सकते हैं कि भविष्य में आशा है कि देश में महिलाओं की स्थिति सुधरेगी और हम अपने हक की मांग करने में कतराएंगे नहीं क्योंकि हमारे लिए सरकार में महिला व्यक्तित्व मौजूद होंगी हमारा प्रतिनिधित्व करने के लिएI