Advertisment

November Festivals : जानिए नवंबर महीने में कौन-कौन से बड़े पर्व हैं

author-image
Vaishali Garg
New Update
diwali without patriarchy

5 नवंबर, शनिवार: तुलसी विवाह हिंदू धर्म में तुलसी को विशेष महत्व दिया गया है। ऐसी मान्यता है कि तुलसी देवी लक्ष्मी का ही एक स्वरूप हैं और भगवान श्री कृष्ण ने शालिग्राम का स्वरूप धारण कर देवी तुलसी से विवाह भी किया था। हिंदी पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को तुलसी विवाह होता है। इस वर्ष 5 नवंबर को यह तिथि पड़ रही है। पूजा का शुभ मुहूर्त - द्वादशी तिथि 5 नवंबर को शाम 6:08 बजे से शुरू होकर 6 नवंबर को शाम 5:06 बजे समाप्त होगी। तुलसी विवाह के लिए दोपहर 1:09 बजे से दोपहर 3:18 बजे तक का समय सबसे अच्छा रहेगा।

Advertisment

7 नवंबर, सोमवार: देव दीपावली दिवाली के बाद देव दीपावली का पर्व आता है। इस दिन देवताओं की दिवाली होती है। इस दिन को भी हिंदुओं में धूमधाम से मनाया जाता है। देव दीपावली के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इतना ही नहीं इस दिन दिवाली के पर्व से भी अधिक दीपक जलाए जाते हैं। इस दिन दीप दान भी करते हैं। देव दिवाली के दिन ही भगवान शिव ने राक्षस असुर त्रिपुरासुर का वध किया था। पूजा का शुभ मुहूर्त - देव दिवाली सोमवार , 7 नवंबर , 2022 के दिन सुबह 05:14 बजे से आरंभ होकर शाम 07:49 बजे पर समाप्त होगी।

8 नवंबर, मंगलवार : कार्तिक पूर्णिमा कार्तिक माह को हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व दिया गया है। इस माह की पूर्णिमा भी बेहद खास होती है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान और फिर दान करने का महत्व भी बताया गया है। इस दिन आप अपने पितरों को तर्पण भी दे सकते हैं। इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही चंद्र ग्रहण भी पड़ रहा है। पूजा का शुभ मुहूर्त - कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि आरंभ 7 नवंबर की शाम 04:15 मिनट से होगा और समापन 8 नवंबर की शाम 04:31 मिनट पर होगा।

20 नवंबर, रविवार : उत्पन्ना एकादशी इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है . इस दिन मातां एकादशी का जन्म हुआ था, इसलिए इसे उत्पन्ना एकादशी कहा जाता है। 23 नवंबर 2022 ( बुधवार ) -मार्गशीर्ष अमावस्या इस दिन पितरों की शांति के लिए तर्पण , स्नान दान - धर्म आदि कार्य किये जाने का विधान है। मार्गशीर्ष अमावस्या पर देवी लक्ष्मी का पूजन करना भी शुभ माना जाता है।

27 नवंबर 2022, रविवार: विनायक चतुर्थी हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने दो चतुर्थी आती ये चतुर्थी गणेश जी को समर्पित होता है। इसलिए इसे संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है : 30 नवंबर 2022 ( बुधवार ) -मासिक दुर्गाष्टमी इस दिन मां दुर्गा की पूरे विधि विधान से पूजा की जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत रखा जाता है।

विवाह पंचमी: हिंदू पंचांग के अनुसार, विवाह पंचमी हर साल मार्गशीर्ष ( माघ ) के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। साल 2022 में विवाह पंचमी 28 नवंबर, सोमवार को मनाई जाएगी। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान राम और सीता माता का विवाह करवाना बहुत शुभ माना जाता है विवाह पंचमी तिथि- 28 नवंबर, सोमवार पंचमी तिथि की शुरुआत 27 नवंबर को शाम 4 बजकर 25 मिनट पर पंचमी तिथि समाप्त- 28 नवंबर को दोपहर बजकर 35 मिनट पर।

Advertisment