आज के युग में फाइनेंशियल स्टेबिलिटी हर व्यक्ति की एक अहम जरूरत बन गया है। फाइनेंशियल स्टेबिलिटी का अर्थ होता है कि हम अपने खर्चे खुद उठा सकें। इसमें हम अपने खर्चों के लिए अपनी इनकम में से कुछ पैसे अलग रखते हैं ताकि हम अपनी जरूरतें पूरी कर सके बिना किसी ओर पर निर्भर हुए। कुछ महिलाएं अपने खर्चे के लिए अपनी रोजमर्रा की जिंदगी से पैसे नहीं बचा पाती । ऐसे में फाइनेंशियल स्टेबिलिटी महिलाओं के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हो जाता है।
Financially Stability: महिलाओं की अहम जरुरत
• अपनी जरूरत के लिए पैसों को बचाना
हम आर्थिक आजादी तभी पा सकेंगे जब हम अपनी जरूरतों के लिए थोड़े पैसे अलग से बचाने शुरू कर दें। जब हम ऐसा करते हैं तो हमें किसी भी मुसीबत या इमरजेंसी की स्थिति में किसी और पर निर्भर होने की जरूरत नहीं पड़ती एवं ऐसे में हम अपनी इस बचत राशि का प्रयोग कर सकते हैं।
• इन्वेस्ट करना
आज के दौर में इन्वेस्ट करना एक अहम जरूरत बन जाता है। हम सभी ही इन्वेस्ट करने की अहमियत इस प्रकार समझ सकते हैं कि जो भी पैसा हम इन्वेस्ट करते हैं विभिन्न प्रकार के असेट्स में वह हमें इंटरेस्ट या और इनकम बन कर बढ़ जाता है और ऐसे में हमारा पैसा ग्रो करता है।
• पूरी बचत राशि को एक जगह न निवेश करना
हमें ऐसे निर्णय नहीं लेने चाहिए। हमें यह समझना होगा कि हम यदि एक ही जगह पर अपनी सारी बचत राशि निवेश कर देंगे तो वहां यदि को किसी भी प्रकार का लॉस होता है तो हमारी सारी बचत राशि वही चली जाएगी। ऐसे में अपनी बचत राशि को विभिन्न विभिन्न प्रकार के अध्यक्ष में निवेश करना एक सही निर्णय होगा।
• अपने पैसों को यूंही ना गवाएं
हम अक्सर सुनते हैं कि महिलाएं अपने बचाए हुए धन को अपने परिवार या किसी भी प्रिय जन के लिए खर्च कर देती हैं। ऐसा करने से जरूरत या इमरजेंसी के समय हमें खुद पैसों की कमी महसूस हो सकती है। ऐसे समय में पैसों का नियंत्रण आपके हाथ से चला जाता है। हमेशा ऐसे निर्णय ली जिनसे पैसे आपके नियंत्रण में रहे।
• बच्चों के लिए विरासत छोड़ना
आज के युग में यह देखा जाता है कि महिलाएं अपने बच्चों की परवाह करने के लिए उनके लिए बजाना शुरू कर दी है और ऐसी स्थिति में वह अपने आप को भूल जाती हैं। हमें बच्चों को पढ़ा लिखा कर उन्हें काबिल बनाने पर ध्यान देना चाहिए ना कि हमें उनके लिए विरासत छोड़कर जाना चाहिए।
फाइनेंशियल स्टेबिलिटी हम सभी का हक है ताकि हम अपने जीवन को एक अच्छे राह पर ले जाएं और अच्छी तरह अपनी रिटायरमेंट के बाद की उम्र भी जी सकें इसीलिए हमें हर परिस्थिति में फाइनेंशियल डिसीजन सोच समझ कर लेनी चाहिए।