How Can We Practice Empathy: हम सब किसी न किसी पीड़ा से गुजरते हैं । आपने बचपन से ही सुना होगा कि किसी के साथ दुख शेयर करने से कम ही होता है। इसे अपने अंदर दबाकर नहीं रखना चाहिए। इस कथन में कोई भी बुराई नहीं है। आज के समय में बहुत कम लोग हैं जो अपना दुख किसी से कह पाते हैं और यह भी सच है कि दुख हो समझने वाले भी कम ही लोग मिलते हैं। हम सब ने एक शब्द एंपैथी के बारे में जरूर सुना होगा। आज हम इसी के बारे में बात करेंगे कि कैसे हम अपनी जिंदगी में इसे प्रैक्टिस कर सकते हैं और दूसरों की पीड़ा में शामिल हो सकते हैं।
Empathy क्या है?
एंपैथी में आप किसी के दुख के बारे में जानते ही नहीं है बल्कि उनके दृष्टिकोण को समझते हैं। वह क्या महसूस कर रहे हैं या और किस स्थिति में से गुजर रहे हैं। इन सभी चीजों को करीब से जानते और समझते हैं। इसके साथ ही आप खुद को भी उनकी पोजीशन में डाल कर रखते हैं। रिश्तो में एंपैथी होने से हम लोगों को ज्यादा अच्छे से समझ और रिलेट कर पाते हैं। इससे हमारा बॉन्ड स्ट्रांग बनता है। हमारे अंदर दया की भावना पैदा होने लगती है। हम दूसरों की भावनाओं को ज्यादा समझने लग जाते हैं।
Empathy प्रगट करने के लिए जानें ये 5 सुझाव
दूसरों को ध्यान से सुने
अगर आप अपने व्यवहार में एंपैथी लाना चाहते हैं तो आपको दूसरों को ध्यान से सुनना होगा। उनकी बातों को गहराई तक जानना होगा जिससे आप उनके दुख को केवल जान ही नहीं पाएंगे बल्कि समझ पाएंगे। इससे ही आप खुद को उनकी स्थिति पर रख कर देख सकते हैं। जब भी आप उनके साथ बात करें तब उनके साथ आंखों में आंखें डाल कर बात कीजिए। उनकी बातों में से बातें निकालने की कोशिश कीजिए। हर बात पर उन्हें रिस्पांस दीजिए।
दूसरों के बारे में अधिक जानने की इच्छा रखें
जितना सभी जानते हैं उससे आगे की जानने की इच्छा आपके अंदर होनी चाहिए अगर आप व्यवहार में एंपैथी लाना चाहते हैं। अगर आप चाहते हैं कि आप किसी के दुख में सिर्फ शामिल ही नहीं बल्कि उन्हें महसूस भी करें। इसके लिए आपको उनके बारे में अधिक जानने की जरूरत है
दूसरों की भावनाओं को वैलिडेट करें
जब भी आप किसी के साथ को एंपैथी शो करना चाहते हैं तब आप उनकी भावनाओं को जानने और महसूस करने तक ही सीमित मत रहे बल्कि उन्हें वैलिडेट भी करें कि आप सच में उनका सुन रहे हैं। वैलिडेशन के जरिए आप यह शो करते हैं कि आप उनकी भावनाओं के हक में है। इससे दूसरे व्यक्ति को लगता है कि आप उनके लिए जरूरी है और आपको उनकी भावनाओं की परवाह है।
बॉडी लैंग्वेज को नोटिस करें
बातचीत करते समय सिर्फ वर्बल कम्युनिकेशन पर ध्यान देना काफी नहीं है। इसके साथ आप उनकी बॉडी लैंग्वेज जैसे कैसे उनके हाथ चल रहे हैं, वो कैसे उस स्थिति या बात पर रिएक्ट कर रहे हैं। उनका व्यवहार कैसा है। वो बोलने के अलावा और किस तरीके से आपको बातें बता रहे हैं यह भी आपको ध्यान रखने की जरूरत है। अगर
उस महौल में एक्टिव रहें
जिस भी माहौल में आप सामने वाले से बात कर रहे हैं उसे समय एंपैथी के लिए आपको उसे पल में उपस्थित रहना पड़ेगा तभी आप यह कर पाएंगे। कई बार क्या होता है कि हम यहाँ बैठे होते हैं, हमारा ध्यान वहां पर नहीं होता है जिससे हम अपने आसपास को ऑब्जर्व और समझ नहीं पाते हैं। एंपैथी शो करते समय ऐसी गलती मत करें। पूर्ण रूप से आपका ध्यान उनकी तरफ ही होना चाहिए।