How Difficult Is For Single Women in Rural Areas: हमारे समाज में सिंगल महिलाओं को इतनी महत्वता नहीं मिलती हैं। उन्हें एक अलग ही नजर से देखा जाता है। उनके बारे में ऐसा सोचा जाता है कि इनकी शादी नहीं हो रही होगी तभी ये सिंगल हैं। असलियत में ऐसा नहीं है। यह हमारी छोटी सोच का नतीजा है। सिंगल रहना एक चॉइस है। महिला हो चाहे पुरुष दोनों को सिंगल रहने का अधिकार है। हमारा समाज अभी इतना आगे नहीं बढ़ा कि वह महिलाओं को चॉइस के हिसाब से जिंदगी जीने दें। आज हम बात करेंगे कि ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं को सिंगल रहने में किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है-
Single Women: ग्रामीण क्षेत्रों में बिना शादी के रहना कितना मुश्किल?
Not Accepted
एकल महिलाओं को ग्रामीण क्षेत्रों में स्वीकार नहीं किया जाता है। उनके बारे में अलग-अलग बातें बनाई जाती हैं। ऐसा कहा जाता है कि सिंगल रहना क्या होता है। हर महिला एक न एक दिन शादी करती है या रिलेशनशिप में आती है। अगर कोई महिला ऐसा नहीं करती तो वह अधूरी रह जाती है। सिंगल रहने का कॉन्सेप्ट अभी सिर्फ मेट्रो सिटीज में प्रचलित हुआ है। ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी लोगों की सोच बहुत तंग है जिस कारण महिलाएं न चाहते हुए भी सिंगल नहीं रह पाती हैं।
Character Assassination
अगर कोई महिला हिम्मत करके ग्रामीण क्षेत्रों में सिंगल रहने का सोच भी लेती है तब उनके बारे में बहुत गलत बातें बनाई जाती हैं। उनके बारे में कहा जाता है कि इसका कैरेक्टर ही गलत होगा तभी इनसे कोई शादी नहीं कर रहा है, नहीं तो इसकी शादी हो ही जाती है। 30 के बाद यह भी कहा जाता है कि अब शादी नहीं होगी क्योंकि उम्र बीत चुकी है। समाज में अभी भी सिंगल महिलाओं को इज्जत ही नहीं दी जाती है।
Abuse
जब एक महिला एक समय तक शादी नहीं करवाती है तब उसके साथ एब्यूज भी होने लग जाता है। वह शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक तीनों तरीके का हो सकता है। इसके साथ ही लोग उस महिला के शरीर पर भी अपना अधिकार जमाने लग जाते हैं। जिस कारण वह उनके साथ छेड़छाड़ या फिर कई बार रेप भी कर देते हैं। अभी भी पिछड़े हुए क्षेत्र में महिला का सिंगल रहना बिलकुल भी सेफ नहीं है। उसके साथ किसी भी तरीके का एब्यूज हो सकता है।
Woman Needs Man
हमारे समाज में अभी भी यह सोच है कि हर एक महिला को मर्द चाहिए होता है तभी वह पूरी होती है। मर्द के बिना वह अपनी शारीरिक और मानसिक इच्छाएं कैसे पूरी करेगी ,उसे अपने जीवन में हर चीज के लिए एक मर्द की जरूरत होती है चाहे वह पैसा हो, अपने दिल की बात बतानी हो या फिर अपनी शारीरिक जरूरत को पूरा करना हो। यह सब एक मिथ्स हैं। मेंटली स्ट्रांग होकर मेहिअ अपनी मानसिक जरूर का ख्याल रख सकती है और शारीरिक जरूरतों के लिए मास्टरबेशन और सेल्फ प्लेजर जैसी बहुत सारी टेक्निक्स का इस्तेमाल कर सकती है।
Social Construction is Male Dominated
हमारा सामाजिक ढांचा ऐसा बना हुआ है जो कि मर्द प्रधान है। इसलिए यह भी कहा जाता है कि मर्द एक धुरा है जिसकेआसपास औरत घूमती है। हमारे समाज में मर्द की इच्छाओं को पूरा किया जाता है लेकिन औरत को अपनी इच्छा प्रकट करने की कोई आजादी नहीं है। एक मर्द बिना शादी के रह सकता है। उसके बारे में कोई बात नहीं करता लेकिन जब औरत इस बारे में सोच लेती है तब लोगों को यह बात हजम नहीं होती है।