How Men's Fashion Evolved Over The Years?: आज के दौर में फैशन काफी आगे बढ़ चुकी है लड़कों एवं लड़कियों के बीच के फैशन में अंतर काफी हद तक घट भी रही है क्योंकि हम आजकल कभी कबार लड़कों को कई तरह की ज्वेलरी पहनते हुए देखते हैं या फिर कपड़ों की बात कर तो हम उन्हें स्कर्ट या फिर ड्रेस में भी देखते हैंI सहित सी बात है कि उन्हें ऐसे देखना कभी-कभी अटपटा तो अवश्य लगता है लेकिन मध्यकाल में ऐसे ही फैशन हुआ करता थाI ऐसे कई मेंस फैशन से जुड़े कई बातें हैं जो काफी मजेदार हैI
क्या है पुरुषों के फैशन से जुड़े कुछ इंटरेस्टिंग फैक्ट्स?
1. हाई हील्स
हाई हील्स डिजाइन है लड़कों के लिए किए गए थेI क्यों चौंक गए ना? हाई हील्स का जन्म मूलतः दसवीं सेंचुरी पर्शिया में हुआ थाI हाई हील्स इसलिए ही बनाए गए थे ताकि उन्हें जंग एवं शिकार के वक्त घुड़सवारी के लिए आसानी हो और उन्हें एक मज़बूत पकड़ मिलेI यह डिजाइन केवल उसी जगह तक सीमित नहीं रहा बल्कि पूरे विश्व में खासकर कि यूरोप तक काफी विकसित हुआ लेकिन 17वीं सेंचुरी के दौरान रईस पुरुषों ने अपने आप को गरीबों से अलग दिखाने के लिए अपने फैशन में कुछ बदलाव किएI उन्होंने अपने लिए व्यावहारिक कामकाजी कपड़ों का चयन किया तो दूसरी तरफ महिलाओं के लिए फैशन और भी विस्तृत हुआ जब हिल्स उनके लिए एक फैशन सिंबल बना जो की इलैगंस एवं स्त्रीलिंग का प्रतीक बनाI
2. स्कर्ट एवं ड्रेस
मध्यकालीन योग एवं पुनर्जागरण काल के दौरान फैशन में भेदभाव के कारण महिलाओं एवं पुरुषों के कपड़ों को लेकर लैंगिक अंतर की शुरुआत हुई लेकिन उससे पहले पौराणिक इजिप्ट, ग्रीस, रोमन एंपायर, स्कॉटलैंड एवं एशिया के कई कल्चर में पुरुषों का स्कर्ट पहनने का फैशन बहुत समय से था जो वह किसी भी समझ में पहनते थे लेकिन पश्चिमीकरण के कारण पुरुषों के फैशन को और भी दृढ़ता बना दियाI
3. ज्वेलरी
इजिप्शियन संस्कृति के सोने के आभूषण से लेकर रोम के सम्राट के चेन और ताबीज पुरुषों ने हमेशा से ही ज्वेलरी पहनी हैI अपना रईस वर्ग एवं ताकत दिखाने के लिए पुरुषों ने सदा ही इन आभूषणों को अपनाया है लेकिन औद्योगीकरण के कारण लिंग की भूमिका में काफी बदलाव आए और वह काफी कठोर हो फिर बात फैशन की ही क्यों ना होI
4. हेयरकट
इस दौरान पुरुषों को नियमित से करने को और उनके बालों को काटने को बढ़ावा दिया गया क्योंकि इससे हेलमेट और मास्क पहनने में काफी सुविधा होती थीI एक साफ और स्वच्छ लुक प्रोफेशनल होने का प्रतीक माना जाता थाI
इसके अलावा उपभोक्तावाद के चलते इस बात को भी सिद्ध कर दिया गया कि जेवर केवल मात्र महिलाओं का अलंकार हैI यदि इसी तरह से युगो-युगो से परिवर्तन होते आ रहे हैं तो अब क्यों हम अपने आप को लिंग से जुड़ी इन रूढ़िवादिता में बांधते हैं? यदि तब बदलाव हुए हो तो अभी भी हो सकता है और अगर बदलाव हो रहे हैं तो हमें खुद को इसके साथ आजाद कर देना चाहिएI