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Society Norms: भारतीय परिवारों में पितृसत्तात्मक मान्यताओं को कैसे चुनौती दें

परिवारों में पितृसत्ता को कॉमन माना जाता है जिससे कई लोग इसे सामान्य और स्वाभाविक मानने लगे हैं।यह केवल महिलाओं की स्वतंत्रता को सीमित नहीं करती, बल्कि समाज में Equality और principles of justice को भी चुनौती देती है।

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Sneha yadav
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How to challenge patriarchal norms in indian family

(picture credit: pinterest)

How to Challenge Patriarchal Norms in Indian Families: Society में patriarchal गहराई से जुड़ी हुई है। पितृसत्ता का मतलब है, समाज में पुरुषों का प्रधान होना और निर्णय लेने का अधिकार पुरुष के पास होना। यह केवल महिलाओं की स्वतंत्रता को सीमित नहीं करती, बल्कि समाज में Equality और Principles of justice को भी चुनौती देती है। परिवारों में पितृसत्ता को कॉमन माना जाता है जिससे कई लोग इसे सामान्य और स्वाभाविक मानने लगे हैं। तो आइए जानते है, भारतीय परिवारों में पितृसत्तात्मक मान्यताओं को कैसे चुनौती दें।

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भारतीय परिवारों में पितृसत्तात्मक मान्यताओं को चुनौती देने के 5 तरीके

1. जागरूकता

परिवार के सदस्यों को यह समझने की आवश्यकता है कि Patriarchal क्या है और यह कैसे काम करती है। इसमें पुरुषों को डोमिनेंस और अधिकार दिए जाते हैं, जबकि महिलाओं को सीमित भूमिकाओं में बाँधा जाता है। यह समझाना भी आवश्यक है कि Patriarchal केवल महिलाओं को ही नहीं, बल्कि पुरुषों को भी भावनात्मक रूप से प्रभाव डालती है।

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2. समानता

डिसीजन लेने में सभी की भागीदारी होनी चाहिए इसकी वजह से परिवार के सभी सदस्य की बात सुनी और समझी जायेगी। माता-पिता की जिमेदारी है कि वे बच्चों को समानता के महत्व के बारे में सिखाए। बात करते समय Respectful और Sensitive तरीके से अपनी बातें रखें ताकि सभी सदस्य खुलकर अपनी राय रख सकें। 

3. बढ़ावा दें

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परिवार को लड़कियों और लड़कों को समान रूप से शिक्षा और करियर के अवसर देना चाहिए। लड़कियों को भी आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करें ताकि वे खुद के डिसीजन ले सकें और अपनी जिंदगी के प्रति रिस्पांसिबल बन सकें। लड़कों को यह सिखाना भी जरूरी है कि वे महिलाओं के Helpful बनें न कि उन्हें Dominent करने वाले।

4. परंपराओं

परंपराओं को बिना किसी सवाल के मानने के बजाय उन पर विचार करें और अपने परिवार के सदस्यों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करें। शादी और अन्य रीति-रिवाजों के दौरान समानता रखे। शादी में लड़की और लड़के दोनों को समान अधिकार दिए जाने चाहिए। जो रीति-रिवाज महिलाओं को नीचा दिखाते हैं उससे त्याग देने की कोशिश करे।

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5. शिक्षा और करियर

लड़कियों की शिक्षा को ज्यादा priority दें, क्योंकि शिक्षित महिलाएँ न केवल आत्मनिर्भर बनती हैं बल्कि अपने परिवार और समाज को भी सशक्त बनाती हैं। महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनने के लिए प्रोत्साहित करें ताकि वे अपनी खुद की जिंदगी का नेतृत्व कर सकें।

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