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Photograph: (Forbes)
How to Clear and Lighten Your Mind with a Brain Dump: क्या कभी आपके साथ ऐसा हुआ है कि दिमाग में एक साथ हज़ारों बातें घूम रही हों? कभी कोई काम याद आ रहा है, तो कभी कोई पुरानी बात परेशान कर रही है। दिनभर सोचते-सोचते मन और दिमाग दोनों थक जाते हैं। ऐसे में हम खुद को चिड़चिड़ा, उलझा हुआ और स्ट्रेस में महसूस करने लगते हैं। यही ओवरथिंकिंग धीरे-धीरे मेंटल हेल्थ पर असर डालने लगती है।
ऐसे समय में एक सिंपल और असरदार तरीका है ब्रेन डंप। ब्रेन डंप का मतलब होता है अपने मन के सारे विचारों को एक जगह बाहर निकाल देना जैसे कागज़ पर लिख देना। इससे मन का बोझ हल्का हो जाता है और दिमाग को राहत मिलती है। ये एक थैरेपी जैसा काम करता है जिसे आप कभी भी कहीं भी कर सकते हैं।
ब्रेन डंप से दिमाग को हल्का और साफ़ कैसे करें?
आजकल हर इंसान के दिमाग में हर समय कुछ न कुछ चलता रहता है काम की टेंशन, घर की ज़िम्मेदारियाँ, रिश्तों की उलझनें, प्लानिंग, डर, उलझे हुए ख्याल और बहुत कुछ। ये सारी बातें जब एक साथ दिमाग में घूमती हैं तो मन भारी हो जाता है और कुछ समझ नहीं आता कि पहले किस चीज़ को सुलझाया जाए। ऐसे में लोग अक्सर चुप हो जाते हैं, चिड़चिड़े हो जाते हैं या फिर बात-बात पर गुस्सा करने लगते हैं। यही मानसिक बोझ धीरे-धीरे स्ट्रेस और एंग्जायटी का कारण बन जाता है।
हर परिवार में ये परेशानी किसी न किसी रूप में देखने को मिलती है। कोई माँ अपने पूरे दिन की लिस्ट सोचते-सोचते थक जाती है कोई स्टूडेंट एग्ज़ाम और फ्यूचर को लेकर परेशान रहता है कोई ऑफिस का काम घर लेकर आता है और चैन से बैठ तक नहीं पाता। सब कुछ एक जगह जमा हो जाता है हमारे दिमाग में।
ऐसे में एक बहुत आसान और असरदार तरीका है ब्रेन डंप। इसका मतलब है अपने सारे उलझे हुए ख्यालों को बिना किसी रोक-टोक के एक कागज़ पर लिख देना। जो भी दिमाग में चल रहा है अच्छा, बुरा, ज़रूरी, फालतू सब कुछ बाहर निकाल देना। जैसे-जैसे आप लिखते जाएंगे आपका दिमाग हल्का महसूस करने लगेगा।
ब्रेन डंप करने के लिए बस एक डायरी या कागज़ और एक पेन चाहिए। कोई टाइम फिक्स नहीं है आप सुबह उठकर, रात को सोने से पहले, या जब भी मन भारी लगे तब ये कर सकते हैं। इसमें कोई रूल नहीं होता आपको बस वो लिखना है जो उस वक्त मन में है।
जैसे - कल मीटिंग में क्या हुआ..,मुझे आज थकावट क्यों लग रही है...,डेली रूटीन क्यों नहीं बन पा रहा...,खुद से नाराज़गी क्यों है...
जब आप सब लिख देते हैं तो दिमाग में जो उलझन थी वो धीरे-धीरे साफ़ होने लगती है। ऐसा लगता है जैसे किसी ने मन की सफाई कर दी हो। और यही इसका सबसे बड़ा फायदा है बिना किसी से कहे खुद से बात करके मन को हल्का कर लेना।