Overcoming Health Challenges as a Housewife: ग्रहणियों की तरफ से अपनी सेहत के ऊपर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता है। असलियत में बात यह है कि ग्रहणियों द्वारा खुद को महत्ता देने नहीं दिया जाता है। उन्हें नीचा दिखाया जाता है। उनके बारे में यह सोच रखी जाती है कि यह कुछ भी नहीं करती और सारा दिन घर पर आराम ही करती हैं। इसके साथ ही उनके किए हुए कामों को काम नहीं माना जाता है। ऐसे में ग्रहणियां खुद का ध्यान रख नहीं पाती और उन्हें यह सब कुछ सेल्फिश लगने लग जाता है। आज हम बताएंगे कि कैसे ग्रहणियां अपनी सेहत का ध्यान रख सकती हैं?
Housewife ऐसे रखें अपनी सेहत का ध्यान
खुद को प्यार करें
ग्रहणियों को सेहत का ध्यान रखने के लिए सबसे पहले खुद को प्यार करना सीखना होगा। हमारे समाज में "होममेकर" को जॉब नहीं समझा जाता है। ग्रहणियों को उनके काम के लिए पैसे भी नहीं मिलते हैं और उन्हें सुनाया भी जाता है। अगर वे आराम भी कर लें तो भी उन्हें ताने सुनने को मिलते हैं कि यह तो सारा दिन आराम ही करती रहती हैं। उन्हें बातें सुनाई जाती हैं लेकिन उनकी मेहनत को कोई नहीं देखता है कि कैसे वे एक मकान को घर बनाती हैं। उनकी वजह से ही पूरा घर व्यवस्थित तरीके से चल रहा होता है।
खुद के लिए समय निकालें
खुद के लिए समय निकालना बहुत जरूरी है। अगर आप अपनी सेहत के ऊपर ध्यान देना चाहते हैं तो आपको खुद के लिए समय निकालना होगा। आपको एक्सरसाइज, मेडिटेशन या फिर योग करने का समय मिल सकता है। इससे आपकी शारीरिक सेहत फिट रहेगी और आप खुश भी रहेंगे। खुद के लिए समय निकालने से आप अपनी मेंटल हेल्थ का ध्यान भी रख सकते हैं। इससे आप जान पाएंगे कि आपकी शारीरिक और मानसिक जरूरत क्या है?
वर्थ की पहचान
ग्रहणियों को अपनी वर्थ जानने की जरूरत है। ग्रहणियों को लगता है कि वे जॉब नहीं करती, इसलिए दूसरे लोगों से कम हैं लेकिन ऐसा नहीं है। अगर किसी घर में सब कुछ व्यवस्थित ढंग से हो रहा है तो यह आपकी वजह से ही है। आपके कंधों के ऊपर घर में सबसे ज्यादा जिम्मेदारियां होती हैं। आप घर के साथ-साथ बाहर की जिम्मेदारियां को भी पूरा करती हैं, इसलिए आपको अपनी वर्थ पहचान करने की जरूरत है। जब भी बात आपकी सेल्फ रिस्पेक्ट पर आती है तो आप पीछे मत हटें बल्कि उसके लिए संघर्ष करें।
अच्छा खाना-पीना
जब बात खान-पान की आती है तो ग्रहणियां सबसे बाद में खाती हैं। उनकी जिम्मेदारी खाना बनाने और दूसरों को परोसने की होती है। इस कारण वे सबसे बाद में खाना खाती हैं। ऐसे में कई बार खाना बचता नहीं है या फिर कम होता है। इस कारण उन्हें पूरे तत्व और पेट भर खाना भी नहीं मिलता है। कोई भी उन्हें यह नहीं बोलता है कि वह भी आकर साथ में बैठकर खाना खाएं। ऐसे में महिलाओं को खुद को प्राथमिकता देना शुरू करना होगा और अपनी डाइट के ऊपर ध्यान देना होगा। अगर आप बैलेंस्ड डाइट नहीं खाएंगे और आपको पौष्टिक तत्व नहीं मिलेंगे तो आप कमजोर महसूस करेंगे।