आपके चिड़चिड़ेपन की वजह कहीं PMS तो नहींं?

author-image
Swati Bundela
New Update
आपमें से कई महिलाओं ने नोटिस किया होगा की पीरियड शुरु होने के एक हफ्ते या 10 दिन पहले से अपने मूड में बदलाव महसूस होता है, जैसे अत्यधिक तनाव, स्ट्रेस और चिड़चिड़ापन। अगर आप भी ऐसे बदलाव महसूस करतीं हैं तो यह PMS (Pre-Menstrual Syndrome) के लक्षण हो सकते हैं। इससे घबराइए नहीं, यह कई महिलाओं को होता है और अच्छी देखभाल से यह मूड स्विंग कम किये जा सकते हैं। 
Advertisment


तो आइए PMS के जुड़ी और भी बातें जानते हैं।

PMS क्या होता है?


महिलाएँ हल्के शारीरिक और भावनात्मक बदलाव महसूस होने पर आप यह पहचान सकती हैं कि पीरियड्स शुरु होने वाले हैं। ये बदलाव महसूस होना सामान्य है। मगर PMS (प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम) होने पर इन लक्षणों का सामना करना मुश्किल हो जाता है। PMS के अंदर बहुत से नेगेटिव शारीरिक और भावनात्मक लक्षण होते हैं जो आपके हर पीरियड में शुरु होने से पहले होते हैं।

PMS  तब शुरु होता है जब आपको हॉर्मोन के स्तर में बड़े बदलाव आते हैं। इसलिए PMS  युवावस्था शुरु होने पर, बच्चे के जन्म के बाद या फिर contraceptive पिल लेने पर शुरु करने पर हो सकता है।

PMS क्यों होते हैं?


PMS का ऐक्चुअल कारण पता नहीं है मगर यह स्पष्ट है कि यह आपके परियड्स से जुड़ा हुआ है। 
Advertisment
यह इसलिए हो सकता है क्योंकि आपका शरीर और दिमाग Estrogen hormone के स्तरों को सामान्य करने के लिए ऐक्टिव हो जाते हैं जो आपके मूड, थकान और नींद के पैटर्न को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।

PMS के क्या लक्षण हैं?


PMS के लक्षण आमतौर पर ओव्यूलेशन (ovolution) के कुछ समय बाद शुरु होते हैं, जब progesterone का स्तर बढ़ता है। कुछ महिलाओं को पीरियड्स शुरु होने से पहले पूरे दो हफ्ते तक PMS  के लक्षण रहते हैं। वहीं कुछ अन्य महिलाओं को पीरियड्स शुरु होने से कुछ दिन पहले ये महसूस होते हैं। 

कुछ महिलाओं के लिए PMS के लक्षण इतने गंभीर होते हैं कि इससे उनके घर और नौकरी पर नकारात्मक प्रभाव होने लगता है। यदि आपके साथ भी ऐसा हो तो अपनी डॉक्टर को दिखाएं। 
Advertisment

Psychological कारण 



  • चिंता व बेचैनी

  • परेशान रहना, या भावनाओं को नियंत्रित न कर पाना

  • रुआंसी महसूस होना

  • डिप्रेशन

  • भुलक्कड़पन और ध्यान ना लगा पाना

  • चिड़चिड़ापन या गुस्सा


शारीरिक कारण 



  • सिरदर्द

  • वजन बढ़ना

  •  सेंसिटिव ब्रेस्ट

  • पेट दर्द और असहजता

  • डायरिया

  • पीठ दर्द और जोड़ों में दर्द

  • मिचली

  • मुंहासे


व्यवहार संबंधी कारण 



  • आसपास की चीजों में जागरुकता में कमी

  • सोचने-समझने की शक्ति में कमी

  • आक्रमक(attacking)  व्यवहार

  • दुर्घटनाएं होने की संभावना बढ़ जाना

Advertisment

PMS का पता कैसे चलता है?


डॉक्टर आपको दो या तीन महीनों तक अपने लक्षणों को रिकॉर्ड करने यानि लिखकर रखने के लिए लिए कहेंगी। वे शायद आपको एक डायरी या दैनिक चार्ट दे सकती हैं, जिसमें आपको यह बातें लिखनी होंगी। इससे आपको और डॉक्टर को लक्षणों के तरीके का पता चलेगा।

  • आपके मनोभाव (मूड)

  • आपकी भूख में बदलाव

  • आपको पेट या ब्रेस्ट से जुड़े लक्षण हैं या नहीं

  • आपको vaginal डिस्चार्ज है या नहीं

  • PMS का आपकी जिंदगी पर असर


PMS से राहत के लिए मैं क्या कर सकती हूं?


आप अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव कर सकती हैं जिससे आपकी सेहत में सुधार आएगा और PMS  से निपटने में भी मदद मिलेगी। इन बदलावों में 
Advertisment
हर दो से तीन घंटों में नियमित थोड़ी मात्रा में और संतुलित आहार का सेवन करें।

आपकी डाइट कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट्स से भरपूर होना चाहिए जैसे की अनाज का आटा और ब्रेड, शकरकंदी और अन्य जड़ वाली सब्जियां, ब्राउन चावल और होलमील पास्ता। एक्सरसाइज़ ज़रूर करें। सप्ताह में तीन से पांच बार 30 मिनट तक ब्रिस्क व्यायाम करें। वॉक करना, साइकिल चलाना या स्विमिंग करना अच्छा है।

यदि आप स्मोकिंग करती हैं तो इसे बंद कर दें। शराब पीने की मात्रा कम कर दें। यह तय करें कि आप नियमित पूरी नींद लें रहीं हैं।
Advertisment


तनाव कम करने के लिये योग, मेडिटेशन और अन्य स्ट्रेचिंग जैसे व्यायामों से मदद मिल सकती है। और तो और रेग्युलर व्यायाम और एक्सरसाइज़ से आपका मूड अच्छा रहेगा।

और पढ़ें: क्या आपके पीरियड्स मिस हुए हैं? जानिए इसके 6 कारण
पीरियड सेहत PMS