/hindi/media/media_files/2025/06/10/FGHnSJC0utuGW5ft5n02.png)
Photograph: (freepik)
Role Of a Father In His Daughters Life: हर साल जून में 'फादर्स डे' (Father's Day) मनाया जाता है। यह दिन उन सभी पिता को समर्पित होता है जो अपने बच्चों की परवरिश, सुरक्षा और भविष्य को संवारने के लिए दिन-रात बहुत मेहनत करते हैं। खासकर बेटियों की जिंदगी में पिता की भूमिका बेहद खास और प्रभावशाली होती है। एक बेटी के जीवन के लिए पिता का प्यार, विश्वास और मार्गदर्शन बहुत महत्वपूर्ण होता है।
बेटी और पिता का रिश्ता बेहद खास होता है। यह केवल खून का संबंध नहीं, बल्कि भावनाओं, विश्वास और अटूट प्रेम की डोर से बंधा होता है। जहां मां बेटी की सबसे अच्छी दोस्त होती है, वहीं पिता उसकी ताकत, सुरक्षा और प्रेरणा का स्तंभ बनते हैं। समाज में एक बेटी के आत्मविश्वास, सोच और व्यक्तित्व को आकार देने में पिता की भूमिका अहम होती है। एक पिता अपनी बेटी को यह भी सिखाते हैं कि उसे अपने लिए क्या चुनना चाहिए और अपने किन अधिकारों के लिए खड़ा रहना चाहिए।
बेटियों की जिंदगी में पिता की क्या भूमिका होती है?
बेटी के लिए पिता पहली सीख और पहला हीरो
एक बेटी के लिए उसके पिता उसका पहला हीरो होता है। वह अपने पिता में आदर्श पुरुष की छवि देखती है और अपने जीवन में आने वाले रिश्तों का मूल्यांकन उसी नजरिए से करती है। पिता से ही वह भरोसा, सम्मान और आत्मसम्मान के मूल्यों को अच्छे से समझती है। अगर एक पिता अपनी बेटी को खुलकर सोचने, बोलने और फैसले लेने का अधिकार देते हैं, तो वह आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बनती है।
संवेदनशीलता और सुरक्षा का एहसास
पिता बेटी को भावनात्मक मजबूती देते हैं। जब भी वह खुद को असहज या डरा हुआ महसूस करती है, पिता की मौजूदगी उसे सुरक्षित और मजबूत बनाने का काम करती है। कई बार तो ऐसा होता है कि बेटियां अपने मन की सभी बातें सबसे पहले अपने पिता से ही शेयर करती हैं क्योंकि वह इस बात को अच्छे से जानती हैं कि उसे बिना जज किए सुना और समझा जाएगा।
करियर और आत्मनिर्भरता की प्रेरणा
आज के समय में कई ऐसे पिता हैं जो अपनी बेटियों को केवल शादी तक सीमित नहीं रखते, बल्कि उन्हें उच्च शिक्षा और करियर में आगे बढ़ने की पूरी आज़ादी और प्रोत्साहन देते हैं। जब एक पिता अपनी बेटी के सपनों में भरोसा करते हैं, तो वह दुनिया से लड़ने का हौसला पा जाती है।
बेटियों में आत्मविश्वास बढ़ाना
अगर बचपन से ही पिता अपनी बेटी को यह महसूस कराएं कि वह बहुत खास है, समझदार है और किसी से भी कम नहीं है, तो वह किसी भी चुनौती का सामना कर सकती है। बेटियों में आत्मविश्वास और आत्मसम्मान पिता हीं बढ़ाते हैं।