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Secondary Amenorrhea
महिलाओं को अक्सर पीरियड्स के दौरान समस्याएं आती रहती हैं कभी उनके पीरियड्स पहले आ जाते हैं और कभी कुछ दिन लेट हो जातें हैं। इसके अलावा प्रेमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम जैसे ऐंठन, मूड स्विंग्स, क्रेविंग्स, गुस्सा, चिड़चिड़ापन आदि सब होते हैं ये सब चीज़ें तो माहवारी में होना सामान्य हैं। चिंता तब बढ़ती है जब आपके पीरियड्स लगातार 3 और इससे अधिक महीने तक आते नहीं हैं और आपको पहला पीरियड्स आते रहे हैं। इसके लिए आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए क्योंकि यह सेकेंडरी एमेनोरिया हो सकता है- आज हम इसके बारे में ही बात करेंगे
Secondary Amenorrhea: पीरियड्स मिस होने पर जाने इस स्थिति के बारे में
क्या हैं यह समस्या?
एमेनोरिया का संबंधआपके लम्बे समय तक पीरियड्स मिस होने से है। यह कोई बीमारी नहीं है। इस स्थिति में माहवारी ना आने का कारण प्रेग्नेंसी और मेनोपॉज नहीं होता हैं। इस स्थिति ,में महिला को लगातार 3 महीने तक पीरियड्स नहीं आते हैं, एमेनोरिया का इन्फर्टिलिटी से भी कोई संबंध नहीं है।
क्या कारण हो सकते है
-बर्थ कंट्रोल पिल्ज़ का इस्तेमाल करना
-मेडिकल कंडिशन
-वजन का कम या ज़्यादा होना
किस वजह से यह समस्या आती है
होर्मोन का बेलेंस ना होना
सेकंडेरी अमेनोर्रह का सबसे आम कारण हॉर्मोन का बेलेंस ना होना है। इनके असंतुलन होने के कई कारण हो सकते हैं। अगर आप होर्मोनल बर्थ कंट्रोल पिल्ज़ का इस्तेमाल करते है इससे भी आपको यह समस्या हो सकती है।
- इसके अलावा अगर आपका कोई मेडिकल ट्रीटमेंट भी चल रहा जैसे कीमोथेरपी, एंटीसायकाटिक ड्रग भी इसका कारण हो सकते है। इसके साथ ही एस्ट्रजेन का स्तर कम होना और थाइरॉड ग्लैंड का ज़्यादा अक्टिव होना भी इसका कारण हो सकते है।
रहन-सहन का ढंग
इस स्थिति का मुख्य कारण आपका लाइफ़्स्टायल, खाने-पीने की आदतें ये सब चीजें इसमें शामिल है। इसके साथ ही आपका वजन ज़्यादा या कम होना इसका कारण भी हो सकता है।
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस)
यह स्थिति भी मेहलाओं में हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकती है। इसमें आपके ओवरी में सिस्ट बन जाते हैं। इसके साथ ही एमेनोरिया का कारण बन सकता है।
स्ट्रेस
आपके माहवारी चक्र के स्ट्रेस का भी बहुत प्रभाव पड़ता है। जब आप ज़्यादा स्ट्रेस का शिकार होते हैं इससे आपकी माहवारी पर भी असर पड़ता है।