Take Out Time For Yourself, Make Your Life Better: ऑफिस की जिम्मेदारी, घर का काम, बच्चों की परवरिश और और कितने काम। लेकिन इन सभी के बीच, आपने खुद के लिए क्या किया? बस, तनाव ही तो झेला, क्योंकि काम और निजी जिंदगी के बीच, आप संतुलन स्थापित नहीं कर पाई हैं। एक महिला खड़ी है, जिसके पास आठ हाथ हैं, हर हाथ में कुछ न कुछ अलग-अलग है जैसे एक बेलन, बच्चों का बैग, पति के ऑफिस की फाइल। ऐसी फोटो अक्सर इंटरनेट पर वायरल होती है, विशेषकर महिला दिवस जैसे अवसरों पर।
काम तो पुरुष भी करते हैं, पर उनके लिए ऐसी कोई फोटो क्यों नहीं बनी? जवाब हम सभी के पास है। पुरुष कलछी उठा लें, तो वो उनका शौक होता है, लेकिन महिलाओं के लिए ये एक बड़ी जिम्मेदारी है। देखा जाए तो हमारे समाज में पुरुष के मुकाबले महिलाओं से ज्यादा उम्मीदें होती हैं। अगर वह बाहर का काम संभाल रहीं है, तो भी घर की सभी जिम्मेदारियाँ अकेले उनके कंधों पर होती हैं। महिलाओं का काम यहाँ दो भागों में बाटा गया है, ऑफिस और घर। दोनों जगहों पर उनसे सौ प्रतिशत कर दिखाने की उम्मीद की जाती है। ऐसे में पर्सनल लाइफ सबसे ज्यादा प्रभावित होता है।
समय रेत की तरह सरक जाता है और अगले दिन का सूरज फिर से उसी नई शुरुआत की ओर इशारा करने लगता है। कामकाजी और पर्सनल लाइफ के बीच संतुलन न बना पाने के चलते अकसर महिलाएं स्ट्रेस में भी रहती हैं। लेकिन ऐसा कब तक चलेगा? इस बैलेंस को हासिल करने के लिए आपको खुद ही कुछ कदम उठाने होंगे। आइए जानें खुद के लिए समय निकालने के बारे में।
खुद के लिए निकालें समय, बनाएं अपनी जिंदगी बेहतर
प्राथमिकताओं को करें तय (Establish Priorities)
सभी के पास एक ही दिन में चौबीस घंटे होते हैं। इस समय में हमें घर, काम और पर्सनल लाइफ की जिम्मेदारियों को पूरा करना होता है। हालांकि, अक्सर हमारी तारतम्यता इस बात पर नहीं बनती कि हमें कौन से कामों को प्राथमिकता देनी चाहिए। अप्रासंगिक कामों (Irrelevant tasks) में व्यस्त रहने से हम उलझन में पड़ जाते हैं और अपने लिए समय निकालने में असमर्थ हो जाते हैं। इसके अलावा, हमारे कार्यों की क्वालिटी पर भी असर पड़ता है। कामों को सही तरीके से करने के लिए, हमें उनकी प्राथमिकताओं को स्पष्ट रूप से स्थापित करने की जरूरी होती है। यह सिर्फ घर ही नहीं, बल्कि कार्यालय में भी लागू होना चाहिए। अगर ज्यादा काम आ जाता है, तो हमें अपनी प्राथमिकताओं को ध्यान में रखकर काम करना चाहिए।
बांटने के प्रोसेस का पालन करें (Follow The Distribution Process)
समय बांट कर उसका प्रयोग करें, जो कि आपके वर्कप्लेस के अनुसार होगा। काम के समय में पूरी तरह से काम पर ध्यान दें। अगर बच्चों की चिंता होती है, तो एक या दो बार उनसे बात करें। हमेशा घर की चिंता न करें। वर्कप्लेस पर घर की बातों और समस्याओं का विचार नहीं करें। जितना समय घर की जिम्मेदारियों को दिया गया है, उस समय में अपने प्रोफेशनल कामों से दूर रहें। यह आपको मेंटल स्ट्रेस से बचाएगा और आपके काम भी समय पर पूरे हो जाएंगे। इस तरह आप खुद के लिए भी कुछ समय निकाल सकेंगे।
काम को बांटना सीखें (Learn To Share The Work)
हर काम की जिम्मेदारी खुद पर लेना जरूरी नहीं है। आप अलग-अलग लोगों के साथ मिल कर छोटे-छोटे कामों को खत्म कर सकते हैं। परिवार के सदस्य, दोस्त, या सहकर्मी के साथ साझेदारी करके काम करें। इससे आपका बोझ कम होगा, काम करने में मजा आएगा और समय भी बचेगा।
क्या आप हर किसी को खुश रखने की कोशिश करते हैं? (Do You Try To Keep Everyone Happy?)
क्या आप कभी मिसेज परफेक्ट बनने की कोशिश करते हैं? और अगर हां, तो क्यों? यह समझें कि परफेक्ट होना संभव नहीं है। हर काम में किसी न किसी तरीके से कोई न कोई कमी रहती है और हमेशा सभी को खुश करना भी संभव नहीं होता। इस बात पर ध्यान दें कि जब आप मिसेज परफेक्ट बनने की कोशिश करते हैं, तो आप सिर्फ खुद को नुकसान पहुंचा रहे हैं। अपने आप को ज्यादा स्ट्रेस में न डालें।
व्यायाम को महत्व दें (Give Importance To Exercise)
ज्यादातर महिलाएं बैठकर काम करती हैं, जिससे उनके फिजिकल एक्टिविटी कम होती हैं और थकावट बढ़ जाती है। दिन में किसी भी समय व्यायाम के लिए समय निकालें। आपको जिम जाने की जरूरत नहीं है, आप घर पर हल्की टहलने या फिजिकल व्यायाम कर सकती हैं। इससे शरीर में पॉजिटिव एनर्जी का प्रवाह होता है और आप एनर्जेटिक महसूस करेंगी।
काम को जिम्मेदारियों के अनुसार चुनें (Choose Work According To Responsibilities)
आप निश्चित रूप से कुशल हैं, लेकिन यह बेहतर होगा कि आपका काम आपकी जिम्मेदारियों के साथ मेल खाए। एग्जांपल के लिए, अगर आपके बच्चे बहुत छोटे हैं, तो आपके पास उनके प्रति अधिक जिम्मेदारियाँ होंगी। इस प्रकार, आठ घंटे की नौकरी करना आपके लिए उपयुक्त नहीं हो सकता, क्योंकि आपको घर पर बच्चों के साथ समय भी बिताना है। इसलिए, काम का चयन करें जो कार्य के समय में लचीलापन प्रदान करता है।
फ्रेंड्स भी जरूरी हैं (Friends Are Also Important)
मित्र केवल मनोरंजन के लिए नहीं होते, बल्कि कई बार वे संकट के समय सहारा भी बन सकते हैं। ज्यादातर महिलाएं घरेलू मुद्दों का सामना करती हैं, जिसे वे अपने परिवार के सदस्यों के रूप में इतना महत्व नहीं देती है। और अगर वह अपनी समस्या किसी परिवार के सदस्य से साझा करती है, तो प्रतिक्रिया अक्सर एकतरफा होती है। इस स्थिति में, दोस्त आपकी मदद कर सकते हैं। अपनी समस्याओं को उन मित्रों या जानकारों के साथ साझा करें जो आपसे ज्यादा उम्र के हों। उनका अनुभव आपकी लाइफ को सही रास्ते पर ला सकता है।