मर्द प्रधान समाज में हमेशा औरत को नीचा दिखाया गया है। उसे कभी अपना पक्ष रखने का मौक़ा नहीं दिया गया।इस समाज ने हमेशा यह ही अपेक्षा की है कि औरत हमेशा उसके बनाए हुए नियमों के हिसाब से रहे जैसे घर पर रहकर अपने बच्चे और परिवार के सम्भाले, ज़्यादा वेस्टर्न कपड़े ना पहने, अपना विचार ना रखे और जैसा उसका पति और घरवाले कहे उसको मान ले आदि। जो औरत उन नियमों को तोड़ कर आगे निकल जाती है उसको समाज में अच्छा नहीं समझा जाता है। उसको समाज ग़लत नज़रो से देखता है। आज हम ऐसी ही कुछ बातें आप के सामने रखेंगे जो एक औरत नहीं करनी चाहिए-
1. अपने विचार न रखना
हमारे समाज में औरतें आज भी अपना विचार नहीं रखती है। उन्हें अपने विचारों को स्वतंत्रता आगे रखना चाहिए। आज भी औरतें सोचती है किसी के चुप कराने से अच्छा हम मत ही बोले। उन्हें खुलकर अपनी बात आगे रखनी चाहिए और ज़्यादा सोचना चाहिए। इस बात पर खेद ना हो मेरे पास विचार क्यों है?
2. अपने आप को छोटा समझना
आज भी औरतें अपने आप को दूसरे से छोटा समझती है। वह समाज के बनाए हुए क़ायदे क़ानून में फ़िट होने अपने आप को नहीं खोलती। एक अच्छी औरत बनने का टैग उसको नही चाहिए। उसे किसी और से दया की भीख नहीं चाहिए।
3. अपनी इच्छाओं को मारना
दूसरों को खुश करने के लिए औरतें हमेशा आपने आप को ना बोल देती है क्योंकि उन्हें शुरू से दूसरों के आगे सिर झुकना सिखाया जाता है उसे बताया जाता है तुमने कभी किसी को ना नही बोलना है। क्या औरत अपने बारे सोचने से मतलबी हो जाती है। जो चीजें औरत के लिए अच्छी है उसको हाँ बोलना चाहिए और जो चीजें उसके लिए नहीं अच्छी उसको मना करना चाहिए।
4. अपनी बॉडी को लेकर असहज होना
शुरू से ही औरतों को सिखाया जाता कि अगर तुम खूबसूरत ना हुई या फिर तुम्हारा रंग काला हुआ, तुम्हारी हाइट कम हुई तो तुमसे कोई शादी नहीं करेगा। लड़कियों को तो सुंदर होना पड़ता है। इसलिए औरतें अपने शरीर को लेकर असहज रहती है लेकिन औरतों को इसमें असहज नहीं होना चाहिए उन्हें अपने आप को स्वीकार करना जैसी वह है। उन्हें यह सोचना चाहिए हम इतने शक्तिशाली और योग्य है जितना हमें होना चाहिए।
5. हर किसी को खुश करना
लड़कियों को घरवाले छोटी उम्र से सिखाने लग जाते कि बेटा तुमने सब को खुश रखना है। तुमने किसी को नाराज़ नहीं करना है। ऐसे करते-करते वे अपने आप को भूल जाती है। अपने बारे में सोचती नहीं कभी बच्चे, पति, घरवाले और रिश्तेदार।