Understanding The Reasons Behind Your Insecurities: हमारे आसपास ऐसे बहुत सारे लोग होते हैं जिनके खुद को लेकर अच्छे विचार नहीं होते हैं। उन्हें लगता है कि वे पर्याप्त नहीं या फिर उनमें कोई कमी है। वे हमेशा ही खुद में खामियां ढूंढते रहते हैं। उनमें कॉन्फिडेंस की भी कमी होती है। इसके साथ ही वे दूसरों से वैलिडेशन भी मांगते रहते हैं। ऐसे लोगों को अपने ऊपर विश्वास ही नहीं होता है। हर चीज दूसरों से पूछते रहते हैं और अपनी जिंदगी के लिए दूसरों पर निर्भर होते हैं। चलिए जानते हैं कि इसके क्या कारण हो सकते हैं कि जब लोग खुद को ही पर्याप्त नहीं मानते हैं-
जानिए किन बातों से आपको लगता है कि आप कम हैं?
बचपन का माहौल
यह इस बात पर भी निर्भर पर करता है कि बचपन में आप किस माहौल में बड़े हुए हैं। अगर आपको एक ऐसा माहौल मिला हैं जहां पर आपको हर बात के लिए क्रिटिसाइज किया जाता था या आपकी कमियों को लेकर ही बातचीत होती थी तो भी आपका व्यवहार ऐसे हो जाता है। आपको खुद भी अपने आप में नेगेटिव बातें दिखाई देती हैं। आपके एफर्ट्स की कभी वैल्यू नहीं की जाती है और न ही उन्हें हाईलाइट किया जाता है।
कंडीशनल प्यार मिलना
अनकंडीशनल लव बहुत मुश्किल है। बहुत कम लोग ऐसे हैं जिन्हें तब भी प्यार मिलता है जब वह किसी के लिए कुछ नहीं करते। यह बहुत आम बात है कि हमें प्यार तब मिलता है जब हम दूसरों के लिए एफर्ट्स करते हैं या फिर उनकी मनपसंद बात करते हैं। लेकिन जब आपने किसी के लिए कुछ नहीं किया और आपसे किसी बात की कोई अपेक्षा भी नहीं हैं तो यह प्यार बहुत खास है। इसके उल्ट ऐसे माहौल में बड़ा होना जहां पर सिर्फ आपको तब ही प्यार किया जाता है जब आप कुछ अच्छा करते हैं या अपेक्षाओं पर खरा उतरते हैं तो भी आपको लगता है कि शायद आप कम हैं।
अनरियलिस्टिक अपेक्षाओं का बोझ
जब आप अनरियलिस्टिक अपेक्षाओं को पूरा करने की कोशिश करते हैं तब भी आपके साथ ऐसा होता है कि आप अपने आप में ही कमियां निकालने लग जाते हैं या फिर आपको लगता है कि आप दूसरों के लिए पर्याप्त नहीं हैं। हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हम हर किसी की बात को पूरा नहीं कर सकते हैं। अगर आप किसी को मना भी कर रहे हैं तो भी कोई गलत बात नहीं है। ऐसा जरूरी नहीं है कि आप सभी को खुश कर पाएं।
गलती करने पर सजा
जब आपको बचपन से ही गलतियां करने से रोक दिया जाता है या फिर डांट दिया जाता है तब भी आप ऐसे हो जाते हैं। आपको लगता है कि गलती करना बुरी बात है। इसलिए आप गलती करने से बचते रहते हैं। ऐसे में अगर आपको गलती करने पर कभी गाइड किया होता या फिर गलती सुधारने का मौका मिलता तो आपके स्वभाव में बदलाव होता। आप कभी भी गलतियों को नेगेटिव तरीके से नहीं देखते या फिर इनसे अपनी वर्थ डिसाइड नहीं करते। आप गलतियों को एक सीखने के मौके के रूप में देखते।
अपनी वर्थ को दूसरों से जोड़ना
आपको कभी भी दूसरे के विचारों से अपनी वर्थ डिसाइड करने की जरूरत नहीं है। अगर दूसरे आपसे नाखुश हैं या फिर आप उनकी अपेक्षाओं को पूरा नहीं कर पा रहे हैं तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप पर्याप्त नहीं है या फिर आपमें कोई कमी है। आप हर किसी को खुश नहीं कर सकते हैं और ऐसा करने की कोशिश भी मत करें।