Must Follow These Boundaries In Workplace: आज के समय में हमारा लाइफस्टाइल बहुत बिजी हो गया है। इसका कारण यह भी है कि हम अपने आसपास बाउंड्रीज को सेट नहीं करते हैं। यह एक ऐसी लाइन होती है जिससे हम डिफाइन करते हैं कि किन चीजों को हम स्वीकार करते हैं और क्या हमारे लिए हेल्दी है। इस तरह हम खुद को शारीरिक और भावनात्मक तौर पर प्रोटेक्ट करते हैं। ऐसे ही वर्कप्लेस पर भी बाउंड्रीज सेट करना बहुत जरूरी है ताकि हम वर्क लाइफ बैलेंस कर पाएं। इन बाउंड्रीज को सेट करने से आपको प्रोडक्टिव और खुश रहने में मदद मिलती है। चलिए जानते हैं कि वर्कप्लेस पर किन बाउंड्रीज को जरूर फॉलो करना चाहिए?
वर्कप्लेस पर इन Boundaries को जरूर करें फॉलो
अनरियलिस्टिक डेडलाइन को मना करें
वर्कप्लेस पर भी हमसे अनरियलिस्टिक अपेक्षाएं की जाती हैं जिन्हें पूरा करना बहुत मुश्किल होता है और जब हम इन्हें पूरा करने की कोशिश भी करते हैं तो इससे हमारा वर्क लाइफ बैलेंस पूरी तरह से डिस्टर्ब हो जाता है। हमें समझ नहीं आता है कि हम पहले काम को प्रायोरिटी दें या फिर अपनी जिम्मेदारियां को पूरा करें। इसलिए ऐसी डेडलाइंस को मना करना चाहिए जो आपको बिल्कुल आखिरी समय पर दी जाती हैं या फिर जिन्हें पूरा करना नामुमकिन हो जाता है। इससे आप अपनी लाइफ में स्ट्रेस को बहुत कम कर सकते हैं और काम के दौरान पूरा दिन प्रोडक्टिव रह सकते हैं।
वर्कलोड को समझें
बहुत सारे लोग अपने वर्कलोड को समझ ही नहीं पाते हैं। आपको समझना होगा कि किन चीजों के कारण आपके ऊपर काम का बोझ पड़ रहा है और किन चीजों को आप आसानी से हैंडल कर सकते हैं। इन चीजों को समझने से आपको बाउंड्रीज सेट करने में आसानी हो सकती है।
दूसरों के काम को मना करें
काम पर दूसरों की जिम्मेदारियां को लेना बंद करें। आप ऑफिस अपने काम के लिए आते हैं। यह आपकी जिम्मेदारी नहीं है कि आप दूसरों के कामों का भी बोझ अपने ऊपर लें। इससे आपका वर्क प्रेशर बहुत बढ़ जाता है। अगर आपके पास खाली समय भी होता है तब भी आपको दूसरों का काम नहीं लेना चाहिए बल्कि उस समय अपने मन और बॉडी को रिलैक्स करना चाहिए। आप उन्हें समझा सकते हैं कि मेरे पास अपना भी बहुत सारा काम होता है जिस कारण आप उनकी मदद नहीं कर सकते हैं। सबसे जरूरी है कि आप ना बोलना सीखें।
Working Hour के बाद मौजूद मत रहें
टेक्नोलॉजी के आने के बाद काम करने के घंटे सीमित नहीं रह गए हैं। आप अगर ऑफिस से घर भी आ जाते हैं तब भी आपको कॉल, टेक्स्ट या फिर ईमेल आते रहते हैं। इससे भी हमारी पर्सनल लाइफ बहुत ज्यादा प्रभावित होती है। आपको काम के समय के बाद कॉल्स या मैसेज को नहीं उठाना चाहिए। शुरुआत में शायद दूसरे लोग एडजस्ट होने में समय लगा सकते हैं लेकिन धीरे-धीरे वे आपकी बाउंड्रीज को समझ जाएंगे। व्ही पर अगर आप समय रहते इन बाउंड्रीज को दूसरों के साथ सेट नहीं करेंगे तो आप वर्क लाइफ बैलेंस नहीं कर पाएंगे।
ओवरटाइम मत करें
हसल कलर के कारण ओवरटाइम का ट्रेंड बहुत बढ़ गया है। ऐसा समझा जाता है कि उस व्यक्ति की काम को लेकर डेडीकेशन बहुत ज्यादा है जो सारा दिन काम करता रहता है या फिर अपनी लाइफ का आधे से ज्यादा समय काम को देता है लेकिन यह एक मिथक है। काम की क्वांटिटी से ज्यादा क्वालिटी मैटर करती है। अगर आप अपना काम जल्दी खत्म कर लेते हैं तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप काम को लेकर डेडीकेटेड नहीं है या फिर आप काम से पीछा छुड़ा रहे हैं। इसलिए आपको ओवरटाइम नहीं करना चाहिए। अगर आप अपनी मर्जी से ओवरटाइम कर रहे हैं और आपको उसके लिए पे भी किया जा रहा है तो यह आपकी चॉइस है।