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Health Care: इस फेस्टिव सीजन जानें क्या है मैदा खाने के बुरे प्रभाव

त्योहारों का सीजन चल रहा है। इस सीजन में तरह-तरह के पकवान और मिठाइयाँ बनती हैं। इनमें से ज़्यादातर पकवान मैदे से ही बनते हैं और हम सब ये पकवान बड़े चाव से खाते हैं। आज जानते हैं कि मैदे से बनी चीज़ों को खाने से हमें प्रोब्लेम्स हो सकती हैं।

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Mandie Panesar
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What Are Bad Effects of Maida? (Image Credit: freepik)

What Are Bad Effects of Maida? : अब त्योहारों का सीजन चल रहा है।  इस सीजन में तरह -तरह के पकवान और मिठाइयाँ बनती हैं।  इनमें से ज़्यादातर पकवान मैदे से ही बनते हैं और हम सब ये पकवान बड़े चाव से खाते हैं। 

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इस फेस्टिव सीजन जानें क्या हैं मैदा खाने के बुरे प्रभाव 

मैदा गेहूं के आटे का सबसे रिफाइंड रूप है। मैदा बनाने की पूरी प्रक्रिया में कई जरूरी पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं। मैदा में ब्लीच और केमिकल्स होते हैं जिसके कारण यह नरम होता है और इसका रंग सफेद होता है। इसमें यूज़ किया गया ब्लीचिंग एजेंट अत्यधिक विषैला और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। मैदा तैयार करने में गेहूं से लगभग 97% फाइबर नष्ट हो जाता है और मैदा में खराब पोषण मूल्य रह जाता है। आज जानते हैं कि मैदे से बनी चीज़ों को खाने से हमें किस तरह की हेल्थ प्रोब्लेम्स हो सकती हैं। 

वेट गेन करता है 

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आप जानते होंगे कि आपके ज़्यादातर पसंदीदा जंक फूड जैसे पास्ता, पिज्जा, केक और समोसा मैदा का उपयोग करके बनाए जाते हैं। जब नुट्रिशनिस्ट्स और स्वास्थ्य विशेषज्ञ (Health Experts) आपसे जंक फूड से बचने के लिए कहते हैं, तो यह उसी कारण से होता है। मैदा खराब कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) बढ़ा सकता है, जिससे वजन बढ़ सकता है और मोटापा हो सकता है। 

मधुमेह (Diabetes) होने का खतरा

मैदा के सबसे भयानक दुष्प्रभावों में से एक है कि मैदा में उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स (High Glycemic Index) होता है और यह तेज़ इंसुलिन प्रतिक्रिया (Insulin Response) का कारण बन सकता है, जिससे टाइप 2 मधुमेह हो सकता है। डायबिटीज होने की सूरत में हाई फाइबर फ़ूड ही खाएं और मैदे से बनी चीज़ों से बचें। 

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हार्ट प्रोब्लेम्स होती हैं 

मैदा रक्त ट्राइग्लिसराइड्स (Blood Triglycerides) और शुगर लेवल को बढ़ा सकता है, और इंसुलिन प्रतिरोध (Insulin Resistance) का कारण बन सकता है, जो हार्ट डिज़ीज़ के लिए अहम फैक्टर्स बन सकते हैं। हार्ट डिज़ीज़ के किसी भी तरह के खतरे को कम करने के लिए अक्सर हार्ट पेशेंट्स को मैदे का सेवन न करने की सलाह दी जाती है।

डिप्रेशन का खतरा 

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मैदा जैसे परिष्कृत कार्बोहाइड्रेट (Refined Carbohydrates) से भरपूर आहार से स्ट्रेस और डिप्रेशन का खतरा बढ़ सकता है।

पचाने में मुश्किल

मैदा से बना बहुत सारा भोजन पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है और कुछ गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है। इस रिफाइंड सफेद आटे में कोई पोषण मूल्य और फाइबर नहीं होता इसलिए मानव पाचन तंत्र के लिए इसे पचाना मुश्किल होता है।

निष्कर्ष मैदे का उपयोग करके बनाए गए खाद्य उत्पाद काफी कन्ज़्यूम किए जाते हैं और आसानी से उपलब्ध होते हैं। खुद को ऐसे खाद्य पदार्थों से दूर रखना और मैदे को अपनी ज़नदगी का हिस्सा बनने से रोकने को ज़रूरत है। ये न केवल उच्च कैलोरी और कम पोषक तत्व वाले फूड्स हैं बल्कि शरीर के लिए काफी हानिकारक भी हैं। 

मैदा फेस्टिव सीजन
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