Symptoms Of Depression : दुखी होना या नाखुश होना डिप्रेशन नहीं होता। डिप्रेशन एक सीरियस मेन्टल कंडीशन है जो आपके महसूस करने, सोचने और बिहेव करने के तरीके को एफेक्ट करती है। डिप्रेशन में लम्बे समय तक इंसान का मूड डिप्रेस्ड रहता है और वह किसी भी ख़ुशी वाले माहौल में रूचि नहीं ले पाता। इसका हमारे रोज़ के होने वाले मूड चेंजस से कोई लेन-देन नहीं है। डिप्रेशन होने के कई सारे कारण हो सकते हैं जैसे कि -
- एक नेगेटिव, तनावपूर्ण या दुखी फैमिली लाइफ
- दूसरी हाई-स्ट्रेस वाली लाइफ सीटुएशन्स, जैसे गरीबी, बेघर होना, या हिंसा
- बुलइंग, हर्रास्मेंट, या पीर प्रेशर का सामना करना
जानिए क्या होते हैं डिप्रेशन के लक्षण
निराशावादी सोच रहना
डिप्रेस्ड इंसान हर छोटी-बड़ी चीज़ में निराशावादी सोच रखेगा। ये लोग अपने आप को वर्थलेस्स समझने लगते हैं और कोई भी फैसला पोज़िटिवली नहीं ले पाते। ये हर चीज़ के फायदे से पहले नुक्सान देखेंगे और फिर कुछ भी नहीं कर पाएंगे।
किसी चीज़ में रूचि न लेना
जो चीज़ें और काम आम इंसानों को ख़ुशी देते हैं, डिप्रेस्ड लोग उन में कभी ख़ुशी नहीं ढूंढ पाते। उनकी जैसे ज़िंदगी की किसी चीज़ में रूचि ही न रही हो। अपनी किसी हॉबी या शौक को भी एन्जॉय करना छोड़ देते हैं और ये एक अहम लक्षण होता है डेप्रेशन का।
स्लीप डिसऑर्डर्स
डिप्रेशन ग्रस्त इंसान को स्लीप डिसऑर्डर हो जाता है। कभी तो इन्हें नींद ही नहीं आती और कभी इतनी नींद आती है कि सब दिनों की नींद पूरी कर लें। इंसोमेनिया भी डिप्रेशन का कारण हो सकता है। इसलिए कभी भी नींद न आने की प्रॉब्लम हो तो उसे नज़रअंदाज़ न करें।
हर चीज़ की बेकार चिंता
इसे हम एंग्जायटी भी कह सकते हैं। इसमें आपको बेचैनी, टेंशन, तेज़ हार्ट बीट, सांसें तेज़ चलना, बार-बार पसीना आना आदि हो सकतें हैं। हमेशा नेगेटिव थॉट्स रहने की वजह से इंसान को हर बात की चिंता होती ही है।
छोटी बातों पर चिड़चिड़ा होना
डिप्रेशन, एंग्जायटी और ओवर-थिंकिंग की वजह से इंसान को छोटी-छोटी और हर बात पे गुस्सा आने लगता है। कभी-कभी तो बहुत ज़्यादा गुस्सा आने से सिचुएशन बिगड़ भी सकती है और ये लोग किसी को एब्यूज भी कर बैठते हैं।
भूख और वज़न में बदलाव
खाने पीने की आदतों में बदलाव आना भी डिप्रेशन की निशानियों में से एक है। कभी इंसान को ज़्यादा भूख लग सकती है और कभी बिलकुल भूख नहीं लगती। ऐसी बदली हुई आदतों के चलते इनका वज़न भी एकदम कम या ज़्यादा होने लगता है। ओवर-स्ट्रेस की वजह से हार्मोनल इम्बैलेंस होने से भी ऐसा होता है।
इमोशंस पर काबू न रहना
डिप्रेस्ड इंसान का अपने इमोशंस पर कोई ख़ास काबू नहीं रहता। इनकी ख़ुशी या दुःख का कोई पता नहीं चलता। इनके मूड स्विंग्स इतने होते हैं कि आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि कुछ तो गड़बड़ है।
अगर इन लक्षणों को पढ़ने का बाद आपको खुद में या किसी अपने में डिप्रेशन के सिम्पटम्स नज़र आएं तो ज़रूर सम्झ्यिए कि उन्हें अपनों के प्यार और डॉक्टरी इलाज की सख्त ज़रूरत है। यह भी ज़रूरी है कि आप उनसे सेंसिबली पेश आएं।