अपने आस-पास के Frenemies को इन लक्षणों से पहचाने

जीवन में हमें बहुत तरह के लोग मिलते हैं और हम कई तरह के रिश्तों में बंधे होते हैं। ऐसे में कुछ रिश्ते ऐसे भी होते हैं जिनका साथ हमें समझ नहीं आता है। ऐसे लोगों को फ्रेनेमी कहते हैं।

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Rajveer Kaur
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What Are The Signs Of Frenemies: जीवन में हमें बहुत तरह के लोग मिलते हैं और हम कई तरह के रिश्तों में बंधे होते हैं। ऐसे में कुछ रिश्तो से हमें खुशी और सुख का एहसास होता है लेकिन कुछ रिश्ते हमें तनाव देते हैं। ऐसे में कुछ रिश्ते ऐसे भी होते हैं जिनका साथ हमें समझ नहीं आता है। ऐसे लोगों को फ्रेनेमी कहते हैं। यह मित्र जो शत्रु की तरह भी व्यवहार करते हैं, उन्हें पहचानना मुश्किल हो सकता है क्योंकि वे अक्सर दोस्ती का दिखावा करते हैं लेकिन आपका बुरा भी सोचते हैं। ऐसे लोगों पर भरोसा करने और दूरी बनाने में मुश्किल पैदा होती है। चलिए इनके लक्षण जानते हैं-

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अपने आस-पास के Frenemies को इन लक्षणों से पहचाने

असंगत व्यवहार 

ऐसे लोगों का व्यवहार एक जैसा नहीं रहता हैं। एक पल में बहुत दोस्ताना हो सकते हैं और फिर अचानक बिना किसी स्पष्ट कारण के अगले ही पल उपेक्षापूर्ण हो सकते हैं। इस तरह आपका स्ट्रेस लेवल बढ़ता है। आपको उनके साथ अपना रिश्ता समझ नहीं आता है कि यह लोग आपके लिए अच्छे हैं या बुरे।

विश्वासघात 

ऐसे लोग अच्छे बनने के मुखौटे के पीछे आपके साथ विश्वासघात करते हैं। वे आपकी पीठ पीछे बातें करते हैं अफ़वाहें फैलाते हैं या दूसरों के साथ आपके राज शेयर करते हैं। यह सब चीजें आपको दुख पहुंचाती हैं। उन्हें इस बात से कोई फर्क़ नहीं पड़ता है कि इसका असर आपके ऊपर कैसा पड़ेगा या फिर दूसरे आपके बारे में क्या सोचते हैं।

ईर्ष्या 

ऐसे लोग आपकी सफलताओं, उपलब्धियों या संपत्ति से ईर्ष्या करते हैं। वे आपकी उपलब्धियों को कम आंक सकते हैं या जब आपके लिए चीजें गलत होती हैं तो खुश दिख सकते हैं। वे मौका ढूंढते हैं कि किस तरीके से आपको नीचा दिखाया जा सकता है या फिर आपकी आलोचना हो सकती है।

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समर्थन की कमी 

ऐसे लोग जरूरत पड़ने पर साथ खड़े नहीं होते हैं। जब आपको ज़रूरत होती है, तो वे या तो गायब होते हैं या आपकी मदद करने के लिए उत्साहित नहीं होते हैं। ऐसे लोग खुद जरूरत पड़ने पर आगे-पीछे घूमते हैं लेकिन खुद आपसे मदद मांगते रहते हैं।.दोस्ती में सपोर्ट दोनों तरफ से होता है लेकिन जब यह एक तरफ से हो और हमेशा आप ही मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाए तो ऐसा रिश्ता आपके लिए सही नहीं होता।

झूठी तारीफ़

ऐसे लोग आपकी झूठी तारीफ करते हैं ताकि आप उनकी उनकी प्रशंसा अक्सर ऐसा महसूस कराती है जैसे कि उनमें कोई छिपी हुई चुभन या अपमान हो। उनकी बातें सुनने में तारीफ लग सकती है लेकिन असल में आपके इंसल्ट होती है आप इसे एक उदाहरण के तौर पर समझ सकते हैं जैसे "तुम्हारी यह तस्वीर कितनी सुंदर है! मैं तो आपको पहचान ही नहीं पाया।” 

भद्दा मज़ाक 

उनके मजाक में आपको नीचा दिखाना छुपा होता है। मजाक के जरिए आपको ऐसी बात बोल जाते हैं जो आपको दुख पहुंचाती है या फिर आपको बुरा लगता है। उन्हें आपकी भावनाओं की कोई वैल्यू नहीं होती है और ना ही उन्हें इस बात से कोई फर्क पड़ता है कि आपको कैसा लग रहा है।

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