What Is Family Estrangement, Know Signs And Causes: परिवार हमारी जिंदगी में सबसे अहम रोल निभाता है। जन्म से ही हमारी जिंदगी में कुछ लोग मौजूद होते हैं, जिन्हें हम परिवार कहते हैं। इनके साथ अलगाव के बारे में सोच नहीं सकते हैं। कई बार ऐसी परस्थितियां हो जाती हैं हमें परिवार से अलग होना पड़ता है। यह हमारी खुद की इच्छा से ही होता है। यह आज भी टैबू टॉपिक है क्योंकि लोग आपको इसके लिए जज करते हैं। ऐसा करना किसी के लिए भी आसान नहीं होता है। आइये इसके बारे में अधिक जानते हैं-
Family Estrangement टैबू टॉपिक है, जानें इसका मतलब और कारण
Family Estrangement क्या है?
Verywell Family के अनुसार, "फैमिली एस्ट्रेंजमेंट या पारिवारिक अलगाव तब होता है जब परिवार के सदस्यों के बीच संपर्क टूट जाता है। यह लंबे समय तक चल सकता है या ऐसे चक्रों से गुज़र सकता है जहां रुक-रुक कर बातचीत और मेलजोल होता है।"
यह एक प्रोसेस है जिसमें व्यक्ति धीरे-धीरे अपने आसपास के लोगों के समस्यात्मक व्यवहार के कारण उनसे अलगाव महसूस करने लग जाते हैं। यह बिल्कुल भी आसान नहीं है। अलगाव के दौरान बहुत सारे मानसिक उतार-चढाव से गुजरना पड़ता है जैसे स्ट्रेस, एंजायटी और डिप्रेशन आदि।
इसके कारण क्या है?
1. परिवार से दूरी
परिवार से अलगाव का एक कारण उनसे दूरी भी हो सकता है। कई बार जब छोटे होते बच्चे को मां-बाप बोर्डिंग या हॉस्टल में भेज देते हैं तब भी वो परिवार से दूर हो जाता है। उसके मन में परिवार की अच्छी छवि नहीं होती है। दूसरा इसका कारण यह भी हो सकता है कि कई बार बचपन में ही मां-बाप अलग हो जाते हैं, जिसके कारण भी किसी एक पैरेंट के साथ बच्चे का इतना प्यार नहीं पड़ता है। सिबलिंग्स की बात की जाए तो कई बार उनके बीच कुछ ऐसी बातें हो जाती है जो ऐसे दूरी का कारण बनती हैं।
2. दुर्व्यवहार करना
हर एक फैमिली सामान नहीं होती है। कुछ बच्चों को अबूसिव पेरेंट्स भी मिलते हैं जो उनकी बात नहीं सुनते हैं। कई बार पार्टनर्स का आपसी झगड़ा भी बच्चों और पेरेंट्स के बीच अलगाव का कारण बनता है। ऐसी अबूसिव हिस्ट्री के कारण बच्चे और पेरेंट्स के बीच में दूरियां आने लग जाती है। कई बार पेरेंट्स बच्चों के साथ अबूसिव बिहेवियर करते हैं तो कई बार पार्टनर्स में एक दूसरे के साथ अबूसिव बर्ताव होता है।
3. बच्चे के उपर ध्यान न देना
कुछ फैमिलीज में बांड स्ट्रांग नहीं होता है। बच्चों के ऊपर इतना ध्यान नहीं दिया जाता है। उन्हें जो प्यार मां-बाप से मिलना चाहिए वह नहीं मिलता है। जिस कारण भी बच्चे ऐसा कदम ले लेते हैं। उन्हें फैमिली का नाम सुनते ही कोई अच्छी याद मन मे नहीं आती है क्योंकि पैरंट्स ने बच्चों के साथ कुछ अच्छा समय बिताया ही नहीं होता है। बच्चे को जब उनकी ज्यादा जरूरत थी तब पेरेंट्स उनका सहारा नहीं बनें। इसलिए भी यह स्टेप बच्चे उठा लेते हैं।
4. एक-दूसरे को सहारा न बनना
फैमिली की जब हम बात करते हैं तब हमारे दिमाग में कुछ ऐसे लोग आते हैं जो दुख हो चाहे सुख हमेशा हमारे साथ खड़े रहते हैं। उन्हें हमारी परवाह होती है। वे हमारा ख्याल रखते हैं। हमारी एक आवाज पर भागे आते हैं लेकिन यह फैमिली हर किसी के हिस्से नहीं आती है। जब किसी व्यक्ति को फैमिली से ऐसा सपोर्ट नहीं मिलता है तब वो अंदर से टूट जाता है ,उसे सपोर्ट के नाम पर सिर्फ वायलेंस, एब्यूज, हरासमेंट, डिप्रेशन और स्ट्रेस ही मिलता है तब फिर वह ना चाहते हुए भी फैमिली से अलग हो जाता है।
5. धोखा
कुछ परिवार ऐसे होते हैं जिसमें अपने ही अपनों को धोखा दे देते हैं। ऐसे समय में खुद को संभालना बहुत मुश्किल हो जाता है क्योंकि जिन लोगों से आपको उम्मीद नहीं होती है अगर वहीं आपके दुश्मन बन जाए तो फिर वहां पर रहने का मन नहीं करता है। इसलिए लोग मन की शांति के लिए ऐसे लोगों से दूरी बना लेते हैं क्योंकि जब हम रोज उनके साथ रहेंगे तो वह चीज बार-बार याद आएगी।