Things Women Should Know If They Feel Lonely In Motherhood: मदरहुड इतनी आसान नहीं है जितना हम सोचते हैं। इसमें महिला का अहम रोल होता है जो हर मोड़ पर उतार-चढ़ाव देखती है। त्रासदी की बात यह है इस विषय के बारे में कोई बात नहीं करता है। हमें उनके लिए एक ऐसा स्पेस बनाना चाहिए जिसमें वह सहज और रियल हो। वह जो महसूस कर रही है उसके बारे में बात करें ना कि अपनी भावनाओं को छुपा कर सब कुछ ठीक ही बताएं। आज हम बताएंगे कि कैसे महिलाएं मातृत्व के दौरान अकेलेपन को दूर कर सकते हैं-
Motherhood में अकेलापन का एहसास करने पर महिलाएं जानें ये बातें
रिश्तों में बदलाव
मदरहुड के बाद रिश्तो में बदलाव आ जाता है। एक औरत जो सिर्फ पहले पत्नी, बहू और बेटी थी अब वह एक मां बन गई है। उसकी पहचान बदल गई है। उसने एक बच्चे को जन्म दिया है जो उसके नाम से पहचाना जाएगा। बच्चे के जन्म के बाद माँ का लाइफस्टाइल पूरा बदल जाता है। पहले सिर्फ वह अपने बारे में सोचती थी क्या खाना है, क्या पहनना है और कहां जाना है। इस प्रॉसेस में बहुत चीजें छोड़नी पड़ती है और नई चीज अपनानी पड़ती हैं। अंत, मदरहुड एक कॉम्प्लिकेटेड फेस है जिसमें बहुत सारे उतार-चढ़ाव खासकर महिला को देखने पड़ते हैं।
मदरहुड एक प्रोसेस है
मदरहुड कोई दुख नहीं है लेकिन इसमें महिलाएं बहुत सारी पेन से गुजरती है जो एक या दो दिन में खत्म नहीं हो सकती। यह पूरा प्रोसेस है। प्रेगनेंसी से लेकर बच्चे की डिलीवरी तक, उसके बाद पोस्टपार्टम फेस में महिलाएं बहुत सारी स्थितियों से गुजरती हैं। इसके साथ बच्चे की परवरिश ऐसे ही सब चलता रहता है।
मानसिक सेहत बदलती है
मानसिक सेहत पर भी मदरहुड का बहुत प्रभाव पड़ता है क्योंकि आप बहुत सारे बदलावों से गुजरते हैं जो आपको प्रभावित करते हैं। प्रेगनेंसी के दौरान आप मूड स्विंग्स और हार्मोनल चेंजेज से गुजरते हैं। इसके बाद पोस्टपार्टम फेस में भी आपको बहुत सारी चीजों से गुजरना पड़ता है। कई बार महिलाएं इस फेस में डिप्रेशन का भी शिकार हो जाती है तो इन सब के कारण मानसिक सेहत भी प्रभावित होती है।
भावनाओं का मिश्रण
मदरहुड बहुत सारी भावनाओं का मिश्रण है। इसमें महिलाएं खुशी, डिप्रेशन, स्ट्रेस, एंजायटी और एक्साइमेंट इन सब से गुजरती हैं। कई बार इन सब के साथ डील करने में बहुत मुश्किल आती है। ऐसे में पार्टनर को चाहिए कि वह आपकी इमोशनल सपोर्ट बने। आप बहुत सारे भावनात्मक बदलावों में से गुजरेंगी लेकिन पार्टनर को धैर्य से काम लेना होगा।अगर वह आपके इस समय में साथ नहीं देगा तो आपकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
मातृत्व का भार जो दिखाई नहीं देता
भारतीय समाज में मातृत्व का एक अलग ही बोझ होता है जो किसी को दिखाई नहीं देता और इसे बिल्कुल नॉर्मल माना जाता है। इसलिए इसके बारे में बात भी नहीं की जाती है। जब एक महिला मां बनने लगती है समाज उसके ऊपर इतनी सारी अपेक्षाओं का भार डाल देता है जैसे माँ को परफेक्ट रहना है, अपने इमोशंस नहीं दिखाने, खुद को दुख देकर बच्चों को आगे रखन है और अपनी वेलबींइग का इग्नोर करना आदि। इन सब बातों को आप अपने दिमाग के ऊपर मत लीजिए। यह सब बातें बेबुनियाद हैं। मदरहुड का मतलब खुद की आइडेंटिटी को खत्म करना नहीं है।