Mental Phobia: कोइनोफोबिया क्या है? इसके लक्षण और बचाव कैसे करें

अगर आपको भी पूरे जिंगदी एवरेज होने का डर लगा रहता है और आपको ऐसा लगता है कि आप बहुत साधारण है तो आपको कोइनोफोबिया हो सकता है। आइए इस आर्टिकल में इसके बारे में विस्तार से जाने।

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Simran Kumari
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What is Koinophobia? Symptoms And Prevention: कोइनोफोबिया शब्द से शायद आप परिचित न हो लेकिन आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि शायद आप भी इस डर से पीड़ित हो सकते है। हालांकि ये कोई सोशल या एंजाइटी फोबिया की तरह कोई मेडिकल डिसऑर्डर नहीं है कि इसके लिए आपको डॉक्टरी सलाह की जरूरत नहीं पड़ेगी बल्कि यह आपके अंदर का वह डर है जो आपको एवरेज महसूस करवाता है। अगर आप भी खुद को एवरेज समझते है, एवरेज होने से पीछे छूट जाने का डर आपको सताता है तो आपको कोइनोफोबिया हो सकता है। इसमें आपको ऐसा लगता है कि आप पीछे रह जाएंगे,आपकी जिंदगी में कुछ नहीं खास नहीं होगा और आपकी जिंदगी बेरंग हो जाएगी। हालांकि ये कोई बीमारी नहीं है लेकिन बहुत से लोग इस डर का सामना करते है। यह शब्द “डिक्शनरी ऑफ ऑबस्क्योर सॉरोस” से लिया गया है। हालांकि इसपर अबतक बहुत कम रिसर्च हुई है, और अलग अलग लोगों के लिए ये अलग तरह का हो सकता है। लेकिन इस आर्टिकल में आपको बताएंगे इसके सामान्य कारण और बचाव के बारे में। आइए जानते है।

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कोइनोफोबिया के कारण और बचाव क्या है? 

1. खुद को लेकर नेगेटिविटी

अगर आपको ऐसे विचार आते है कि आप जीवन में कुछ नहीं कर पायेंगे या आप बहुत ज्यादा खास नहीं है। आपको कोई याद नहीं रखेगा तो ये कोइनोफोबिया का कारण बन सकता है। क्योंकि आपका एवरेज होने का डर आपके सेल्फ रिस्पेक्ट से जुड़ा हो सकता है।

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इससे बचने के लिए खुद को पूरी तरह से स्वीकार करना सीखे। इससे आपमें आत्मविश्वास आएगा।

2. हमेशा तुलना करना 

अगर आप हमेशा दूसरे से खुद की तुलना करते है तो ये आपमें काइनोफोबिया को बढ़ा सकता है। कुछ लोग लगातार ये महसूस करने लगते है कि वो दूसरों जैसे नहीं है, दूसरों जैसा कुछ अच्छा नहीं कर पा रहे। आजकल सोशल मीडिया के कारण ये ज्यादा बढ़ रहा है, जहां लोग दूसरे से खुद को कंपेयर करके एंजाइटी का शिकार हो जाते है।

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इससे बचने के लिए आप सोशल मीडिया से थोड़ा ब्रेक ले सकते है और इस वक्त में खुद की खूबियों को पहचाने की कोशिश करे।

3.सफलता से खुश न होना

अगर आप भी अपनी छोटी सी सफलता से खुश नहीं हो पाते और आपको लगता है कि आप इससे और बेहतर कर सकते थे तो आपको कोइनोफोबिया हो सकता है। इसके कारण आपको बार बार ऐसा लगता है इस छोटी सी उपलब्धि से आपको कोइ जीवनभर याद नहींं रखेगा और आप आम बन कर रह जाओगे।

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इसलिए अपनी हर छोटी और बड़ी उपलब्धि को एंजॉय करे, सेलिब्रेट करे। इसके लिए आपको कुछ बड़ा करने की जरूरत नहीं है, आप साधारण तरीके से भी इसका जश्न मना सकते है।

4. एक ही बार में बड़ा सोचना

बड़ा सोचना अच्छी बात है, लेकिन अगर आप एक ही बार में बहुत कुछ बड़ा करने का सोचते है तो आपको कोइनोफोबिया हो सकता है। इसमें आप जल्दी ओर कुछ बड़ा करने का सोचने लगते है और छोटे लक्ष्यों पर ध्यान नहीं देते। जिससे आप फेलियर के सिचुएशन में बहुत साधारण महसूस करते है, और आपमें सेल्फ डाउट बढ़ने लगता है।

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इससे बचने के लिए पहले अपना लक्ष्य निर्धारित करे। सबसे पहले छोटे लक्ष्यों से शुरू करे। बड़े टारगेट को छोटे लक्ष्यों में बांट ले। इससे काम और आसान हो जायेगा।

5. ज्यादा मेहनत करके भी असफल रहना

अगर आप लगातार मेहनत कर रहे पर आपको उससे बहुत ज्यादा कुछ लाभ नहीं मिल रहा तो आपको कोइनोफोबिया हो सकता है। इससे आपको शारीरिक एवं मानसिक परेशानियां होने का खतरा रहता है। 

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इससे बचने के लिए अपने विफलताओं को स्वीकार करना सीखे, कुछ अच्छी आदतें जैसे सुबह जल्दी उठना, किताब पढ़ना आदि अपनाए और कुछ नया सीखते रहे। एक न एक दिन आपको सफलता जरूर मिलेगी। ज्यादा दिक्कत होने पर थेरेपिस्ट की मदद ले।

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