What Is PCOS And How To Deal With It: पीसीओएस यानी की पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम एक तरह का हेल्थ कंडीशन है जो आपके ओवरीज के प्रोडक्शन में असर करती हैI पीसीओएस एक तरह की असंतुलन है, जो विभिन्न प्रकार के लक्षणों और समस्याओं को जन्म दे सकता है। इनमें अनियमित मेंस्ट्रूअल साइकिल, ओवेरियन सिस्ट, हार्मोनल असंतुलन और फर्टिलिटी में कठिनाइयाँ शामिल हो सकती है। लेकिन क्या पीसीओएस का मतलब इनफर्टिलिटी है? या आप कभी गर्भवती नहीं बन सकती? बिल्कुल भी नहीं! यह हमारा दायित्व है कि हम पस से जुड़ी शंकाओं को दूर करें और इसके बारे में और जानेI
क्या है पीसीओएस?
पहली बात तो पीसीओएस आस एवं पीसीओडी (पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम) एक ही हैI हर मेंस्ट्रूअल साइकिल के दौरान ओवरीज में एक डोमिनेंट फॉलिकल होता है जिसका रिलीज़ होना बाध्य हैI वही फॉलिकल जाकर स्पर्म के साथ मिलता है और महिलाएं प्रेग्नेंट होती हैI लेकिन किसी कारण से वह फॉलिकल नहीं बनता है उसे हम पीसीओएस कहते हैI उसके बाद जो बचे हुए एग्स होते है वह एक दूसरे से लड़ते है डोमिनेंट फॉलिकल की जगह लेने के लिए लेकिन ऐसा होता नहीं हैI वह एग्स ओवरीज के घेरे में व्यवस्थित होते है जो पॉलीसिस्टिक उपस्थिति या पीसीओएस में क्लासिक नेकलेस के आकार का पैटर्न देते हैI
क्यों होता है पीसीओएस?
महिलाओं में पीसीओएस होने की कोई ठोस वजह नहीं होतीI लेकिन फिर भी कुछ कारन माने जाते है जैसे कि-
1. तनाव
रोज के कामकाज, घर एवं बच्चे की परेशानी या फिर किसी तरह के भी परेशानी से महिलाओं में तनाव बढ़ सकता है और इससे उनके शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर कर सकता हैI
2. खाने की आदत
महिलाओं को अपने खाने-पीने का अधिक ख्याल रखना चाहिए क्योंकि किसी तरह के भी खाने में असंतुलन के वजह से न केवल उनके वजन पर बल्कि मेंस्ट्रूअल साइकिल से जुड़ी कोई भी समस्या होने की संभावना रहती हैI
3. व्यायाम में कमी
व्यायाम न केवल हमारे वजन को ठीक रखता है बल्कि उससे हमारे मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य और भी बेहतर बन जाती हैI इससे हमारे मस्तिष्क एवं शरीर की कसरत होती है और मेटाबॉलिज्म, कैलोरीज या फिर इम्यूनिटी सब सही रहती हैI लेकिन यदि हम व्यायाम न करें तो हमारा शरीर नियंत्रण में नहीं रहेगाI
4. जेनेटिक
कभी कबार ऐसी समस्याएं इसी तरह के जेनेटिक समस्या से भी उत्पन्न हो सकती हैI जो हमारे हाथ में नहीं होता हैI लेकिन समस्या जो भी हो हमें जरूर चिकित्सक से इन सब के बारे में बात अवश्य करनी चाहिएI
कौन से लाइफस्टाइल टिप्स से आप मैनेज कर सकते है पीसीओएस?
पर्याप्त नींद
औरत को रोज रात को 6 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद जरुर मिलनी चाहिएI इसलिए 11 बजे के अंदर हमें सोने के लिए चले जाना चाहिएI गहरी रात को हमारे शरीर में मेलाटोनिन नामक हार्मोन रिलीज़ होता है यह हार्मोन हमारे शरीर को हिल करने में मदद करता हैI
पौष्टिक खाना
हमें इस बात का सख्त ध्यान रखना चाहिए कि हम इधर-उधर का खाना ग्रहण न करें उसकी जगह घर का बनाया हुआ खाना खाए ना की प्रोसेस किया गया या फिर पैकेज किया गया खानाI जो भी खाना पैकेट में उपलब्ध है और उसे बेचने के लिए चाहे जितना भी खाने को ऑर्गेनिक या फिर हेल्दी कहा जाए उन खानों में ऐसे कई प्रिजर्वेटिव या फिर हार्मोन को नुकसान पहुंचाने वाली खाद्य पदार्थ मिली हुई होती हैI इसलिए तरोताजा अभी-अभी बनाया गया पौष्टिक खाना आपके डाइट को और भी सुधार ला सकता हैI
हाई फाइबर डायट
हमारे डाइट में हाई फाइबर मौजूद रहनी चाहिए जिसका मतलब है की डाइट में पत्तेदार सब्जियां और फल अवश्य रहनी चाहिएI
हेल्दी फैट्स से भरपूर
जो फैट्स आपके स्वास्थ्य के लिए स्वस्थ हो वह आपकी डाइट में आवश्य मौजूद होनी चाहिए जिसमें हेल्दी फैट्स की अधिक मात्रा हैI इसके साथ खाना जैसे कि ताजा मछली, अंडे, मांस और ड्राई फ्रूट्स का होना आपकी डाइट में बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हेल्दी फैट्स का उत्तम सोर्स हैI चिया सीड्स भी उनमें से एक हैI
हाई प्रोटीन से भरपूर
एक और पौष्टिक तत्व जो आपके डाइट में शामिल होना चाहिए, वह है हाई प्रोटीनI यदि हाई प्रोटीन की बात करें तो प्रोटीन का सबसे बड़ा सोर्स होता है मांस जैसे की व्हाइट मीटI जिसके साथ शाकाहारी कैटेगरी में अधिक से अधिक दाल, फलियां, दही और चिया बीज को भोजन में ग्रहण करने की कोशिश करें क्योंकि यह भी हाई प्रोटीन का एक बड़ा तत्व हैI
चेतावनी- इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।