Pre Menstrual Syndrome: PMS या प्री मेन्स्ट्रूअल सिंड्रोम शारीरिक, इमोशनल और व्यवहारिक लक्षणों का एक समूह होता है। यह महिला की मेंस्ट्रुअल साइकिल शुरू होने से पहले होता है। इस स्टेट को पीरियड से जुड़ा डिप्रेशन भी बोल दिया जाता है।
प्री मेन्स्ट्रूअल सिंड्रोम के लक्षण हर महिला के लिए अलग होते हैं। कुछ महिलाओं को हल्का या ना के बराबर परेशानी होती है जैसे ब्रेस्ट का टेंडर होना या पीरियड के समय तक मीठा खाने की इच्छा होना। मगर कुछ महिलाएं कई तरह के शारीरिक बदलाव जैसे कि टेंडर ब्रैस्ट, ब्लोटिंग (Bloating), ज़्यादा थकान, कुछ व्यवहारिक और इमोशनल बदलाव जैसे बहुत ज़्यादा मूड स्विंग्स होना, चिड़चिड़ाहट, और उदासी महसूस करती हैं।
PMS किन कारणों से होता है?
भले ही एक अनुमान के अनुसार यह कहा जाता है कि हर चार में से तीन महिलाएँ PMS लक्षणों का अनुभव करती ही हैं, लेकिन PMS का सटीक कारण अभी तक कोई नहीं जान पाया है। शायद ऐसा इसलिए होता है क्योंकि अलग-अलग महिलाओं में कई तरह के लक्षण पाए जाते हैं, जिससे किसी ठोस निष्कर्ष पर पहुँचना बहुत मुश्किल है।
ऐसा भी कहा जाता है, कि कुछ रिसर्च के अनुसार आपकी मेन्स्ट्रूअल साइकिल के दौरान साइक्लिक हॉर्मोन में जो बदलाव आते हैं उसकी वजह से PMS होता है। हॉर्मोन और सिरोटोनिन के बीच जो क्रिया होती है उसकी वजह से आपका दिमाग एक तरह का केमिकल बनाता है जो आपके मूड के लिए ज़िम्मेदार होता है, और यह भी PMS का एक कारण माना गया है।
PMS से कैसे बचा जाए?
PMS का कोई इलाज नहीं है, लेकिन इसके लिए कुछ ऐसे इलाज और घरेलु नुस्खे हैं जो आपको PMS लक्षणों से राहत दिला सकते हैं।
कसरत - हफ्ते में 5 दिन करीब 30 मिनट के लिए कार्डिओ एक्सरसाइज जैसे तेज़ चलने, जॉगिंग करने, दौड़ने, या तैरने से कुछ लक्षण जैसे थकान कम होती है और आपका मूड अच्छा रहता है, मूड स्विंग्स नहीं होते हैं। रोज़ कसरत से PMS में राहत के अलावा, आपका स्वस्थ भी बेहतर होता जाता है।
खानपान में बदलाव करें - खाने की आदतों में बदलाव जैसे छोटे-छोटे भाग में खाना खाना और नमक कम करने से ब्लोटिंग से छुटकारा मिलता है और शरीर में फ्लुइड की मात्रा भी बनी रहती है। संतुलित आहार जैसे कि अनाज, हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ, ताजे फल, और सलाद खाने से ना सिर्फ PMS के लक्षणों से राहत मिलेगी बल्कि आप स्वस्थ और सही वजन बनाके रख सकती हैं।
तनाव कम करना - अपने सोने का समय तय करें, और अच्छी नींद लें, इससे कम तनाव होगा। योग, प्राणायाम आदि करने से भी नींद ना आने और तनाव से बचा जा सकता है। ये ख़ास कर उन महिलाओं के लिए काफ़ी मददगार है जिन्हें माइग्रेन जैसा सिर दर्द होता है।
धूम्रपान से बचें - कई रिसर्च ये बताती हैं कि जो महिलाएं धूम्रपान नहीं करती हैं। उनके मुकाबले जो धूम्रपान करती हैं उनमें काफी कष्ट भरे और गंभीर PMS लक्षण देखे जाते हैं।
हेल्थ सप्लीमेंट लें - आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन बी-6, विटामिन डी और मैग्नीशियम जैसे सप्लीमेंट दर्द में राहत देते हैं। साथ ही साथ, mood swings को भी कम करते हैं।