What is the impact of technology on intimacy: आधुनिक समय में टेक्नोलॉजी का प्रयोग हमारे जीवन के हर क्षेत्र में है। कम्युनिकेट करने के माध्यम, सोशल मीडिया, इंटरनेट और अन्य कई टेक्निकल चीज़े हमें अन्य लोगों के साथ जुड़ने के नए-नए तरीके प्रदान करते हैं। हालांकि, इस टेक्नोलॉजी के उपयोग का एक परिणाम भी है और यह है इंटिमेसी की कमी। इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताएंगे कि टेक्नोलॉजी का इंटिमेसी पर कैसा प्रभाव पड़ता है?
टेक्नोलॉजी का इंटिमेसी पर क्या प्रभाव है?
पहला प्रभाव है कि टेक्नोलॉजी ने वास्तविक जीवन में व्यक्तिगत बातचीत के स्तर को कम कर दिया है। अब लोग फोन, ईमेल और सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी बातें करते हैं, जिससे पर्सनल टॉपिक्स पर वास्तविक चर्चा का माहौल नहीं बन पाता है। इस कारण जीवनसाथी और पारिवारिक संबंधों में इंटिमेसी की कमी हो जाती है।
दूसरा प्रभाव है कि सोशल मीडिया और इंटरनेट के उपयोग से लोगों का ध्यान विचलित हो जाता है। अक्सर देखा गया है कि लोग अपने साथी के साथ समय बिताने के बजाए फोन या कंप्यूटर में लगे रहते हैं। कई लोग तो अपनी प्रायोरिटी ही बदल देते हैं वे रिश्तों से बड़कर सोशल मीडिया को रखने लग जाते हैं। इससे उनके बीच के अपनेपन और रिश्तों में दूरी हो जाती है और इंटिमेसी की कमी होने लगती है।
तीसरा प्रभाव है कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के अधिक उपयोग से लोगों की ध्यान क्षमता पर भी प्रभाव पड़ता है। सोशल मीडिया और अन्य तकनीकी उपकरणों का अधिक समय तक उपयोग करने से ध्यान की क्षमता कम होती है और लोग अपने आसपास को चीजों पर ध्यान नहीं दे पाते हैं, जो उनके रिश्तों और संबंधों में इंटिमेसी की कमी बढ़ने लगती है।
विभिन्न स्टडीज के अनुसार अधिक इंटरनेट और सोशल मीडिया का उपयोग करने से लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर अधिक तनाव हो सकता है और वे अधिक अकेलापन महसूस कर सकते हैं। मानसिक तानव और अकेलेपन के कारण अक्सर लोग काफी गुस्सैल और चिड़चिड़े हो जाते हैं जो उनके रिश्तों और संबंधों पर असर डालता है। यह उन्हें आसपास के लोगों से दूर कर सकता है और उनके साथ इंटिमेसी की कमी को बड़ा सकता है। टेक्नोलॉजी का उपयोग जीवन के कई हिस्सों में बेहद ही फायदेमंद है लेकिन इसका समझदारी और तरीके से इस्तेमाल करा जाना बेहद जरूरी है वरना यह बेहद ही हानिकारक साबित हो सकता है।