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कार्यस्थल पर महिलाओं को किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है?

महिलाओं की भागीदारी कार्यस्थलों पर धीरे-धीरे बढ़ रही है, लेकिन आज भी उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यह समस्याएँ न केवल उनके व्यक्तिगत और पेशेवर विकास को प्रभावित करती हैं,

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Srishti Jha
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जीपीएफ

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What problems do women face at the workplace? महिलाओं की भागीदारी कार्यस्थलों पर धीरे-धीरे बढ़ रही है, लेकिन आज भी उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यह समस्याएँ न केवल उनके व्यक्तिगत और पेशेवर विकास को प्रभावित करती हैं, बल्कि संपूर्ण समाज और कार्यस्थल के विकास को भी बाधित करती हैं। महिलाओं को एक समान अवसर और सम्मान देने के लिए इन समस्याओं को समझना और उनका समाधान करना आवश्यक है। यहां हम कार्यस्थल पर महिलाओं को होने वाली पांच प्रमुख समस्याओं पर चर्चा करेंगे।

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कार्यस्थल पर महिलाओं को किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है?

1. लिंग भेदभाव और वेतन असमानता

महिलाओं को अक्सर कार्यस्थल पर लिंग भेदभाव का सामना करना पड़ता है। समान कार्य करने के बावजूद, उन्हें पुरुष सहकर्मियों के मुकाबले कम वेतन मिलता है। इसके अलावा, प्रमोशन और नेतृत्व के अवसरों में भी उन्हें पीछे रखा जाता है। इस असमानता के कारण, महिलाओं की कार्यस्थल पर संतुष्टि और मनोबल पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

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2. कार्य और जीवन संतुलन

महिलाओं को अपने करियर और घरेलू जिम्मेदारियों के बीच संतुलन बनाने में कठिनाइयाँ होती हैं। बच्चों की देखभाल, परिवार के सदस्यों की जिम्मेदारी और घर के कामकाज के कारण उन्हें अपने करियर पर पूरा ध्यान देने का अवसर नहीं मिल पाता। इसका परिणाम यह होता है कि महिलाएं अपने पुरुष सहकर्मियों की तुलना में कमतर करियर ग्रोथ हासिल करती हैं।

3. यौन उत्पीड़न और उत्पीड़न

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कार्यस्थल पर महिलाओं को यौन उत्पीड़न का भी सामना करना पड़ता है। यह समस्या न केवल उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है, बल्कि उनके आत्म-सम्मान और आत्म-विश्वास को भी चोट पहुंचाती है। यौन उत्पीड़न की घटनाओं की रिपोर्टिंग के बावजूद भी, कई बार न्याय नहीं मिल पाता, जिससे महिलाओं की समस्याएं और बढ़ जाती हैं।

4. मातृत्व और करियर

मातृत्व के दौरान महिलाओं को अपने करियर में ब्रेक लेना पड़ता है, जिससे उनके पेशेवर विकास में रुकावटें आती हैं। कई कंपनियों में मातृत्व अवकाश और फ्लेक्सिबल वर्किंग आवर्स की सुविधाएं नहीं होती, जिससे महिलाओं को अपनी नौकरी छोड़नी पड़ती है या करियर में बाधाओं का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा, मातृत्व के बाद कार्यस्थल पर लौटने में भी कई चुनौतियाँ आती हैं।

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5. कम अवसर और विकास के रास्ते

महिलाओं को कार्यस्थल पर नेतृत्व और निर्णय लेने के अवसर कम मिलते हैं। इसके अलावा, प्रशिक्षण और विकास के कार्यक्रमों में उनकी भागीदारी को प्राथमिकता नहीं दी जाती। इससे उनकी स्किल्स और टैलेंट का पूर्ण रूप से उपयोग नहीं हो पाता और वे करियर में आगे बढ़ने में पीछे रह जाती हैं।

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